Question
Download Solution PDFअधिगमन-सम्बद्ध-आधारभूतः सिद्धान्तः अस्ति - 'सरलात् जटिलं प्रति ।' यदि कोऽपि छात्रः कस्मात् अपि कारणात् मूलम् अवगन्तुम् असमर्थः तर्हि किं करणीयम् ?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्नानुवाद - अधिगमन संबंधित मूलभूत सिद्धांत है - सरल से कठिन की ओर जाना। यदि कोई छात्र किसी कारण से मूलभूत जानकारी समझने में ही असमर्थ है तो उसके लिए क्या कर सकते है?
स्पष्टीकरण - यदि कोई छात्र किसी कारण से मूलभूत जानकारी समझने में ही असमर्थ है तो उसके लिए दृश्यात्मक अथवा / और संचालन संबंधी निर्देश देना चाहिए, व्याख्यान नही देना चाहिए।
- सामान्यतया जब मूलभूत संकल्पनाओं को ही समझने में छात्र सक्षम नही होता तब उसे बार - बार समझाकर बताने का उपयोग नही होता। पाठ को रोचक एवं सुबोध बनाने के लिए यह आवश्यक है कि छात्रों की शिक्षा का सम्बन्ध उनकी ज्ञानेन्द्रियों के साथ हो। इसी उद्देश्य का ध्यान रखते हुए आजकल शिक्षण में सहायक सामग्री का प्रयोग प्रचुर मात्रा में किया जा रहा है। इसमें सैद्धान्तिक, मौखिक एवं नीरस पाठों को सहायक उपकरणों के प्रयोग से अधिक स्वाभाविक, मनोरंजन तथा उपयोगी बनाया जा सकता है।
- दृश्यात्मक निर्देश अथवा श्रव्य - दृश्य सामग्री और संचालन संबंधी निर्देश ऐसे ही सहायक सामग्रीयों में से है।
- एलवीन स्ट्राँग के अनुसार "श्रव्य दृश्य सामग्री के अन्तर्गत उन सभी साधनों को सम्मिलित किया जाता है जिनकी सहायता से छात्रों की पाठ में रुचि बनी रहती है तथा वे उसे सरलतापूर्वक समझते हुए अधिगम के उद्देश्य को प्राप्त कर लेते है।"
- परिचालनात्मक अनुदेश अथवा संचालनात्मक निर्देश इसका अर्थ है कि अध्यापकद्वारा किसी रोचक कार्यकलाप का निर्देश जिसे करते हुए छात्र को विशिष्टविषय की जानकारी प्राप्त हो। श्रव्य - दृश्य सामग्री की तरह इसमें भी छात्रों को नवीन वस्तुओं के विषय में आकर्षण और स्वाभाविक जिज्ञासा होती है और उनकी सीखने में रुचि बनी रहती है।
दृश्यात्मक एवं संचालनात्मक निर्देश से होनेवाले लाभ -
- दृश्यात्मक एवं संचालनात्मक निर्देश स्थायी रुप से सीखने एवं समझने में सहायक है।
- यह निर्देश मौखिक बात को कम करती है।
- यह अनुभवों के द्वारा ज्ञान प्रदान करती है।
- यह समय की बचत तथा रूचि में वृद्धि करती है।
- यह विचारों में प्रवाहात्मकता प्रदान करती है।
- अध्यापक को उपयोगी एवं अच्छे शिक्षण में सहायता करती है।
- भाषा संबंधी कठिनाइयों को दूर करती है।
- छात्र अधिक सक्रिय रहते है और पाठ को सरलत्ता से याद कर सकते है।
- प्राकृतिक एवं कृत्रिम वस्तुओं का तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए अच्छे अवसर मिलते है।
- विभिन्न विषयों के अन्वेषण के प्रति उत्सुकता जाग्रत होती है।
- सहायक सामग्री सूक्ष्म बातों को सरलता से समझा देती है और छात्रों के कल्पना एवं विचारशक्ति का विकास करती है।
Additional Information
अन्य विकल्पों का हिंदी अनुवाद -
- साक्षात् व्याख्यानम् अथवा परिचालनात्मकम् अनुदेशनम् - प्रत्यक्ष व्याख्यान अथवा संचालनात्मक निर्देश।
- साक्षात् व्याख्यानम् अथवा / एवञ्च दृश्यात्मकम् अनुदेशनम् - प्रत्यक्ष व्याख्यान अथवा / एवं दृश्यात्मक निर्देश।
- उच्चस्तरीयं दृश्यात्मकम् अनुदेशनम्, व्याख्यानम् न - उच्च स्तर का दृश्यात्मक निर्देश, व्याख्यान नही।
Last updated on Apr 30, 2025
-> The CTET 2025 Notification (July) is expected to be released anytime soon.
-> The CTET Exam Date 2025 will also be released along with the notification.
-> CTET Registration Link will be available on ctet.nic.in.
-> CTET is a national-level exam conducted by the CBSE to determine the eligibility of prospective teachers.
-> Candidates can appear for CTET Paper I for teaching posts of classes 1-5, while they can appear for CTET Paper 2 for teaching posts of classes 6-8.
-> Prepare for the exam with CTET Previous Year Papers and CTET Test Series for Papers I &II.