दलित नाटककार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for दलित नाटककार - Download Free PDF

Last updated on Apr 2, 2025

Latest दलित नाटककार MCQ Objective Questions

दलित नाटककार Question 1:

'मायानंद बलिदान' किसकी नाट्यकृति है?

  1. गिरिधर शर्मा
  2. स्वामी अछूतानन्द हरिहर
  3. वियोगी हरि
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : स्वामी अछूतानन्द हरिहर

दलित नाटककार Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर स्वामी अछूतानन्द हरिहर है। 

Key Points

  • 'मायानंद बलिदान' स्वामी अछूतानन्द हरिहर की नाट्यकृति है
  • यह नाटक 1926 में प्रकाशित हुआ 
  • इसे दूसरे रूप में पेरियार ललई सिंह यादव ने वर्ष 1966 में गद्य के रूप में लिखा। दोनों रचनाओं में वैचारिक समानताओं के बावजूद अनेक अंतर हैं।
  • स्वामी अछूतानन्द 'हरिहर'(1879 - 1933)- दलित चेतना प्रसारक साहित्यकार तथा समाजसुधारक थे। उनका मूल नाम 'हीरालाल' था।
  • उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ था। उन्होने 'आदि-हिन्दू' आन्दोलन चलाया और भारत में ब्रिटिश साम्राज्य विरोधी आन्दोलन का विरोध किया।

Additional Information

रचनाकार

परिचय

रचनायें

गिरिधर शर्मा

संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक शोध वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति के लिये उन्हें सन् 1961 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

महाकाव्य संग्रह, महर्षि कुलवैभव, ब्रह्म सिद्धांत

वियोगी हरि

प्रसिद्ध गांधीवादी एवं हिन्दी के साहित्यकार थे। ये आधुनिक ब्रजभाषा के प्रमुख कवि, हिंदी के सफल गद्यकार तथा समाज-सेवी सन्त थे।

साहित्य विहार, छद्मयोगिनी नाटिका, ब्रज माधुरी सार

अम्बिकादत्त व्यास

भारतेन्दु मण्डल के प्रसिद्ध कवि थे। वे ब्रजभाषा के कुशल और सरस कवि थे। इन्होंने कवित्त, सवैया की प्रचलित शैली में ब्रजभाषा में रचना की।

गणेशशतकम्, शिवविवाह (खण्डकाव्य), सहस्रनामरामायणम्

दलित नाटककार Question 2:

'मायानंद बलिदान' किसकी नाट्यकृति है?

  1. गिरिधर शर्मा
  2. स्वामी अछूतानन्द हरिहर
  3. वियोगी हरि
  4. अम्बिकादत्त व्यास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : स्वामी अछूतानन्द हरिहर

दलित नाटककार Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर स्वामी अछूतानन्द हरिहर है। 

Key Points

  • 'मायानंद बलिदान' स्वामी अछूतानन्द हरिहर की नाट्यकृति है
  • यह नाटक 1926 में प्रकाशित हुआ 
  • इसे दूसरे रूप में पेरियार ललई सिंह यादव ने वर्ष 1966 में गद्य के रूप में लिखा। दोनों रचनाओं में वैचारिक समानताओं के बावजूद अनेक अंतर हैं।
  • स्वामी अछूतानन्द 'हरिहर'(1879 - 1933)- दलित चेतना प्रसारक साहित्यकार तथा समाजसुधारक थे। उनका मूल नाम 'हीरालाल' था।
  • उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ था। उन्होने 'आदि-हिन्दू' आन्दोलन चलाया और भारत में ब्रिटिश साम्राज्य विरोधी आन्दोलन का विरोध किया।

Additional Information

रचनाकार

परिचय

रचनायें

गिरिधर शर्मा

संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक शोध वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति के लिये उन्हें सन् 1961 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

महाकाव्य संग्रह, महर्षि कुलवैभव, ब्रह्म सिद्धांत

वियोगी हरि

प्रसिद्ध गांधीवादी एवं हिन्दी के साहित्यकार थे। ये आधुनिक ब्रजभाषा के प्रमुख कवि, हिंदी के सफल गद्यकार तथा समाज-सेवी सन्त थे।

साहित्य विहार, छद्मयोगिनी नाटिका, ब्रज माधुरी सार

अम्बिकादत्त व्यास

भारतेन्दु मण्डल के प्रसिद्ध कवि थे। वे ब्रजभाषा के कुशल और सरस कवि थे। इन्होंने कवित्त, सवैया की प्रचलित शैली में ब्रजभाषा में रचना की।

गणेशशतकम्, शिवविवाह (खण्डकाव्य), सहस्रनामरामायणम्

Top दलित नाटककार MCQ Objective Questions

दलित नाटककार Question 3:

'मायानंद बलिदान' किसकी नाट्यकृति है?

  1. गिरिधर शर्मा
  2. स्वामी अछूतानन्द हरिहर
  3. वियोगी हरि
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : स्वामी अछूतानन्द हरिहर

दलित नाटककार Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर स्वामी अछूतानन्द हरिहर है। 

Key Points

  • 'मायानंद बलिदान' स्वामी अछूतानन्द हरिहर की नाट्यकृति है
  • यह नाटक 1926 में प्रकाशित हुआ 
  • इसे दूसरे रूप में पेरियार ललई सिंह यादव ने वर्ष 1966 में गद्य के रूप में लिखा। दोनों रचनाओं में वैचारिक समानताओं के बावजूद अनेक अंतर हैं।
  • स्वामी अछूतानन्द 'हरिहर'(1879 - 1933)- दलित चेतना प्रसारक साहित्यकार तथा समाजसुधारक थे। उनका मूल नाम 'हीरालाल' था।
  • उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ था। उन्होने 'आदि-हिन्दू' आन्दोलन चलाया और भारत में ब्रिटिश साम्राज्य विरोधी आन्दोलन का विरोध किया।

Additional Information

रचनाकार

परिचय

रचनायें

गिरिधर शर्मा

संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक शोध वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति के लिये उन्हें सन् 1961 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

महाकाव्य संग्रह, महर्षि कुलवैभव, ब्रह्म सिद्धांत

वियोगी हरि

प्रसिद्ध गांधीवादी एवं हिन्दी के साहित्यकार थे। ये आधुनिक ब्रजभाषा के प्रमुख कवि, हिंदी के सफल गद्यकार तथा समाज-सेवी सन्त थे।

साहित्य विहार, छद्मयोगिनी नाटिका, ब्रज माधुरी सार

अम्बिकादत्त व्यास

भारतेन्दु मण्डल के प्रसिद्ध कवि थे। वे ब्रजभाषा के कुशल और सरस कवि थे। इन्होंने कवित्त, सवैया की प्रचलित शैली में ब्रजभाषा में रचना की।

गणेशशतकम्, शिवविवाह (खण्डकाव्य), सहस्रनामरामायणम्

दलित नाटककार Question 4:

'मायानंद बलिदान' किसकी नाट्यकृति है?

  1. गिरिधर शर्मा
  2. स्वामी अछूतानन्द हरिहर
  3. वियोगी हरि
  4. अम्बिकादत्त व्यास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : स्वामी अछूतानन्द हरिहर

दलित नाटककार Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर स्वामी अछूतानन्द हरिहर है। 

Key Points

  • 'मायानंद बलिदान' स्वामी अछूतानन्द हरिहर की नाट्यकृति है
  • यह नाटक 1926 में प्रकाशित हुआ 
  • इसे दूसरे रूप में पेरियार ललई सिंह यादव ने वर्ष 1966 में गद्य के रूप में लिखा। दोनों रचनाओं में वैचारिक समानताओं के बावजूद अनेक अंतर हैं।
  • स्वामी अछूतानन्द 'हरिहर'(1879 - 1933)- दलित चेतना प्रसारक साहित्यकार तथा समाजसुधारक थे। उनका मूल नाम 'हीरालाल' था।
  • उनका जन्म उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ था। उन्होने 'आदि-हिन्दू' आन्दोलन चलाया और भारत में ब्रिटिश साम्राज्य विरोधी आन्दोलन का विरोध किया।

Additional Information

रचनाकार

परिचय

रचनायें

गिरिधर शर्मा

संस्कृत भाषा के प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक शोध वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति के लिये उन्हें सन् 1961 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

महाकाव्य संग्रह, महर्षि कुलवैभव, ब्रह्म सिद्धांत

वियोगी हरि

प्रसिद्ध गांधीवादी एवं हिन्दी के साहित्यकार थे। ये आधुनिक ब्रजभाषा के प्रमुख कवि, हिंदी के सफल गद्यकार तथा समाज-सेवी सन्त थे।

साहित्य विहार, छद्मयोगिनी नाटिका, ब्रज माधुरी सार

अम्बिकादत्त व्यास

भारतेन्दु मण्डल के प्रसिद्ध कवि थे। वे ब्रजभाषा के कुशल और सरस कवि थे। इन्होंने कवित्त, सवैया की प्रचलित शैली में ब्रजभाषा में रचना की।

गणेशशतकम्, शिवविवाह (खण्डकाव्य), सहस्रनामरामायणम्

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