Question
Download Solution PDFभाषाकक्षायां शिक्षकः गृहभाषातः विद्यालयप्रयुक्तभाषायां संकल्पनानां कौशलानां च रूपान्तरः विद्यार्थिभ्यः सुकरं करोति, तान् उत्साहं च प्रददाति। अयं पद्धतिः -
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्नानुवाद - भाषा कक्षा में शिक्षक गृह भाषा से विद्यालय में प्रयुक्त भाषा में संकल्पनाओं और कौशलों का रूपान्तर विद्यार्थियों के लिए सरल करता है और उनको उत्साह प्रदान करता है। यह पद्धति -
स्पष्टीकरण - उपरोक्त प्रश्न के सन्दर्भ में शिक्षक द्वारा भाषा शिक्षण को संवर्धन करने की पद्धति का अनुसरण किया जाता है।
- बालक गृहभाषा/मातृभाषा में सरलता से विषय को ग्रहण करते हैं। किसी विषय को मातृभाषा में पढ़ाने से छात्रों को उस विषय का ज्ञान होता है। साथ ही वे अपने विचारों को आत्मविश्वास के साथ रखते हैं। जो एक जीवन्त वातावरण को प्रस्तुत करता है।
- मातृभाषा में विषय को पढ़ाने से छात्रों का उत्साह तो बढ़ता ही है, साथ ही वे विषय को शीघ्र ही ग्रहण कर लेते हैं।
Key Points
मातृभाषा -
- मानव जीवन के प्रारम्भिक सात वर्ष भाषा सीखने लिए बेहद महत्वपूर्ण पाए गए हैं। शोध अध्ययनों में बच्चों की आरंभिक शिक्षा के लिए उनकी मातृभाषा को ही सबसे उपयुक्त माध्यम पाया गया है।
- मातृभाषा में एक बार महारत हासिल हो जाने के साथ बच्चे के पास भाषा के उपयोग का एक सांचा उपलब्ध हो जाता है। तब उसके लिए दूसरी भाषा सीखना सरल हो जाता है। स्कूल की भाषा मातृभाषा या घर की भाषा हो तो यह भेद सीखने के काम को कठिन बना देता है।
- बालकों का बौद्धिक, नैतिक एवं सांस्कृतिक विकास उनकी भाषा क्षमता पर ही निर्भर करता है। इस प्रकार बाल मनोविज्ञान का प्रधान साधन मात्र भाषा की ही शिक्षा है।
- विद्यार्थी के मस्तिष्क ज्ञान विचार विनिमय निर्माण, कुशलता, मौलिकता का विकास इसी पर निर्भर है।
- भाव अनुभूति और व्यक्तित्व का विकास भी इसी के सहारे होता है क्योंकि मातृभाषा को सीखने में अधिक कठिनाई नहीं पड़ती।
- मातृभाषा का उपयोग अन्य कोई भी भाषा का ज्ञान करने के लिए उपयुक्त होता है, क्योंकि बालक हर भाषा में साधर्म्य देखकर उस भाषा का ज्ञान करता है।
अतः कहा जा सकता है कि है कि उपरोक्त प्रश्न के सन्दर्भ में शिक्षक द्वारा भाषा शिक्षण को संवर्धन करने की पद्धति का अनुसरण किया जाता है। (अन्य विकल्प यहाँ असंगत है।)
Last updated on Apr 30, 2025
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