Question
Download Solution PDFसूफी साधना के चार पड़ावों में शामिल नहीं है:
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DSSSB TGT Hindi Female Subject Concerned - 15 Sept 2018 Shift 3
Answer (Detailed Solution Below)
Option 3 : शराफत
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DSSSB TGT Social Science Full Test 1
200 Qs.
200 Marks
120 Mins
Detailed Solution
Download Solution PDFसूफी साधना के चार पड़ावों में 'शराफत' शामिल नहीं है।
- सूफी साधना के 4 पड़ाव-
- तरीकत
- हकीकत
- शरिअत
- मारिफत
Key Points
- सूफी साधना के चार मुकाम हैं-
- शरीयत(कर्मकाण्ड)- धर्मग्रंथों के विधान का पालन। हाल की दशा-नासूत।
- तरीकत(उपासना)- बाहरी आकर्षणों का त्याग । हाल की दशा- मलकत।
- मारिफ़त(ज्ञान)- सम्यक दृष्टि की प्राप्ति। हाल की दशा- जबरुत
- हकीकत(परमतत्व)- सिद्धावस्था की प्राप्ति । हाल की दशा- लाहूत।
- सूफी मत की मान्यताएं
- सूफी मत में ईश्वर को निराकार व सर्व्यापी मन गया है।
- ईश्वर का साक्षात्कार पीर या गुरु की सहायता से ही हो सकता है।
- सूफी मत में साधना के सात सोपान माने गए हैं-
- इश्क(प्रेम)
- जहद(संघर्ष)
- स्वारिफ(वैराग्य)
- वल्द(भावातिरेक)
- हकीक(सत्य की अनुभूति)
- वस्ल(परम् सत्ता की स्थिति)
- फना(अहं का पूर्ण विलय)
हिंदी के प्रमुख सूफी कवि और काव्य निम्नलिखित हैं:-
रचना या काव्य |
वर्ष |
कवी |
मधुमालती |
1545 |
मंझन |
चंदायन |
1379 |
मुल्ला दाऊद |
मृगावती |
1501 |
कुतुबन |
पद्मावत |
1540 |
जायसी |
हंसावली |
1370 |
कवि असाइत |
माधवानल कामकंदला |
1556 |
कुशल लाभ |
रूप मंजरी |
1568 |
नंददास |
नल दमयंती |
1625 |
नरपति व्यास |
Last updated on May 12, 2025
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