Question
Download Solution PDFनिम्नलिखित में से कौन एम. एन. रॉय के अनुसार नव-मानववाद के अनिवार्य तत्व नहीं हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर वीरता है।
स्पष्टीकरण: एम.एन. रॉय, एक प्रमुख भारतीय दार्शनिक और राजनीतिक सिद्धांतकार हैं, जिन्होंने वास्तव में नव-मानवतावाद की अवधारणा का प्रस्ताव रखा, जो उनके दार्शनिक और नैतिक रुपरेखा में निहित था।
Key Points
उनके अनुसार नव-मानवतावाद के आवश्यक तत्व निम्नलिखित हैं:
- स्वतंत्रता: नव-मानवतावाद व्यक्तिगत स्वतंत्रता तथा प्रत्येक मनुष्य के उत्पीड़न और शोषण से मुक्त जीवन जीने के अधिकार पर ध्यान देता है। रॉय का मानना था कि मानव प्रगति केवल तभी प्राप्त की जा सकती है जब व्यक्तियों को बिना किसी बाधा के सोचने, कार्य करने तथा स्वंय को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता होती है।
- तर्क: रॉय ने मानव प्रगति के लिए आवश्यक उपकरण के रूप में तर्कसंगत सोच और तार्किक विश्लेषण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने सामाजिक समस्याओं को हल करने और सूचित निर्णय लेने के लिए तर्क तथा आलोचनात्मक सोच के उपयोग की वकालत की।
- नैतिकता: रॉय के नव-मानवतावाद में नैतिकता ने केंद्रीय भूमिका निभाई। वह मानव व्यवहार के मार्गदर्शन में नैतिक मूल्यों तथा सदाचारी सिद्धांतों के महत्व में विश्वास करते थे। रॉय ने तर्क दिया कि एक न्यायपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने के लिए नैतिक आचरण आवश्यक था।
Additional Information
- इन तीन तत्वों ने रॉय के नव-मानवतावाद की नींव बनाई, जिसका उद्देश्य व्यक्तिगत स्वतंत्रता, तार्किक तर्क और नैतिक मूल्यों को कायम रखते हुए मानव कल्याण, सामाजिक न्याय और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देना था।
Last updated on Jul 3, 2025
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