जहां भागीदारों के बीच अनुबंध में उनकी भागीदारी की अवधि या उनकी भागीदारी के निर्धारण के लिए कोई प्रावधान नहीं किया जाता है, वहां भागीदारी है: -

  1. असीमित भागीदारी
  2. विशिष्ट भागीदारी
  3. निहित भागीदारी
  4. इच्छाधीन भागीदारी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : इच्छाधीन भागीदारी

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सही उत्तर विकल्प 4 है।Key Points

  • भारतीय साझेदारी अधिनियम के तहत धारा 7 इच्छाधीन भागीदारी से संबंधित है।
  • इसमें कहा गया है कि जहां कि भागीदारों के बीच की संविदा द्वारा उनकी भागीदारी की अस्तित्वावधि के लिए या उनकी भागीदारी के पर्यवसान के लिए कोई उपबंध नहीं किया गया है, वहां वह भागीदारी "इच्छाधीन भागीदारी" है ।

Additional Information

  • ​धारा 4 "साझेदारी", "साझेदार", फर्म" और "फर्म का नाम" की परिभाषा से संबंधित है -
  • इसमें कहा गया है कि "भागीदारी” उन व्यक्तियों के बीच का संबंध है, जिन्होंने किसी ऐसे कारबार के लाभों में अंश पाने का करार कर लिया है जो उन सब के द्वारा या उनमें से ऐसे किन्हीं या किसी के द्वारा जो उन सबकी ओर से कार्य कर रहा है, चलाया जाता है।
  • धारा 5 भागीदारी प्रास्थिति से सृष्ट नहीं होती से संबंधित है। 
  • इसमें कहा गया है कि भागीदारी संबंध में संविदा से उद्भूत होता है, प्रास्थिति से नहीं, और विशेषकर हिंदु अविभक्त कुटुंब के सदस्य, जो उस हैसियत से कौटुम्बिक कारबार चलाते हैं, ऐसे कारबार में भागीदार नहीं है ।

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