Question
Download Solution PDFजब एक रोगज़नक़ का जीवन चक्र दो परपोषी में पूरा होता है, तब इसे क्या कहा जाता है?
This question was previously asked in
OSSTET 2018 (Science CBZ) Official Paper (Held on 5 Oct 2018)
Answer (Detailed Solution Below)
Option 4 : भिन्नाश्रयी
Free Tests
View all Free tests >
OSSTET TGT Arts Full Test 1
150 Qs.
150 Marks
150 Mins
Detailed Solution
Download Solution PDFKey Points
- भिन्नाश्रयी रोगज़नक़ वह होता है जिसके लिए कम से कम दो परपोषी की आवश्यकता होती है।
- प्राथमिक परपोषी, वह परपोषी होते है जिसमें रोगज़नक़ अपना वयस्क जीवन व्यतीत करता है,अन्य द्वितीयक परपोषी होते है।
- यहाँ दोनों परपोषी रोगज़नक़ के जीवन चक्र के लिए अनिवार्य हैं।
- अनेक किट्ट कवकों में भिन्नाश्रयी जीवन चक्र होते हैं।
- उदाहरण -
- पक्सिनिया ग्रैमिनिस - गेहूँ और बरबेरी के पादप दो परपोषी होते हैं।
- अनावृतबीजाणुधानी - जूनिपर्स प्राथमिक परपोषी होते हैं तथा सेब द्वितीयक परपोषी होते है।
व्याख्या:
- भिन्नाश्रयी कवक के दो परपोषी हैं - एसीयल तथा टीलियल परपोषी।
- ये परपोषी, ऐसे कवक के जीवन चक्र में दो विभिन्न चरणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- टीलियोबीजाणु, टीलियल अवस्था में उत्पन्न होते हैं और एसीयोबीजाणु, एसीयल अवस्था में उत्पन्न होते हैं।
- टीलियोबीजाणु इन कवक की मोटी भित्ति वाले विराम बीजाणुओं द्वारा अभिलक्षणित किया जाता है।
Additional Information
- एकाश्रयी-
- ये परजीवी प्रजातियाँ हैं जो अपने जीवनचक्र के सभी चरणों को एक परपोषी प्रजाति में पूरा करती हैं।
- यूरेडीनीयोमाइसिटीज एकाश्रयी कवक होते हैं।
- स्वपोषी-
- यह पोषण का वह तरीका है जिसमें एक जीव में, अकार्बनिक यौगिकों से जटिल कार्बनिक यौगिकों को संश्लेषित करने की क्षमता होती है।
- ये जीव या स्वपोषी अपना पोषण इन्हीं स्व-निर्मित यौगिकों से प्राप्त करते हैं।
- उदाहरण - पादप प्रकाश संश्लेषण करके ग्लूकोज आदि का उत्पादन करते हैं।
- यह पोषण का वह तरीका है जिसमें जीव अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकता है और इस प्रकार अन्य जीवों से पोषण प्राप्त करता है।
- विषमपोषी, पोषण और ऊर्जा के लिए अन्य जीवों पर निर्भर होते हैं।
Last updated on Jan 10, 2025
-> The OSSTET Result has been released.
-> The Odisha Secondary School Teachers Eligibility Test was held on 17th January 2025.
-> Candidates who have completed graduation and a degree in Education can appear for this exam.
-> Those who qualify the OSSTET can apply for the post of Secondary School Teacher in Odisha.
-> Candidates can check the OSSTET Previous Year Papers which help them to get the difficulty level of the exam. Also, attempt the OSSTET Test Series which helps you in preparation.