Comprehension

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

संयुक्त राष्ट्र के हाल के वर्षों में अपनी आभा खो दी है इसका एक उदाहरण संयुक्त राष्ट्र के महासचिव गुटेरस के कोरोना वायरस को रोकने संबंधी मदद के आग्रह के प्रति विश्व समुदाय का ठंडा रूख है उन्होंने कोरोना वायरस से निपटने की कार्य-योजना में अत्यधिक जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद के लिए विश्व समुदाय से 10 बिलियन डालर की आपात अनुक्रिया योजना में योगदान करने की अपील की थी, लेकिन इस लक्ष्य के केवल एक-चौथाई हिस्से की प्रतिबद्धताएं ही पूरी हो पाई हैं संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी मार्क लोवकॉक का कहना है- यह प्रतिक्रिया 'अत्यंत अल्प' ही कही जा सकती है 75 वर्ष पहले संयुक्त राष्ट्र में 50 देश सदस्य थे जिनकी संख्या अब बढ़ कर 193 हो चुकी है और इसमें विश्व भर के 44,000 कर्मचारी कार्य करते हैं इस विश्व संगठन की स्थापना एक ऐसा मंच प्रदान करने के लिए की गई थी, जिसमें बड़े और छोटे देशों का विश्वास था कि वे अपनी सार्थक आवाज उठा पाएंगे लेकिन, इस संगठन का मूल ढांचा मुख्य निकाय-महासभा को बहुत ही कम वास्तविक शक्ति प्रदान करता है, और अधिकांश शक्ति द्वितीय विश्व युद्ध के विजेता राष्ट्रों- ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्येक को 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों के रूप में वीटो के प्रयोग के अधिकार-स्वरुप प्रदान करता हैं कोई भी स्थायी सदस्य शक्ति-संरचना में परिवर्तन के प्रति इच्छुक प्रतीत नहीं होता है सुरक्षा परिषद के पास आर्थिक प्रतिबन्ध लगाने का अधिकार है और यह एक मात्र निकाय है, जिसे सैनिक बल तैनात करने की अनुमति प्राप्त है परिणाम यह है कि सुरक्षा परिषद में अनेक मुद्दों पर लम्बे समय से गतिरोध जारी है, जिसमें प्रायः अमेरिका से, न केवल चीन एवं रूस की, बल्कि उसके सहयोगियों के साथ भी टकराव की स्थिति उत्पन्न होती है यह न केवल युद्ध और युद्धविराम के मसलों के बारे में है, जहां संयुक्त राष्ट्र परिणामों के लिए संघर्ष कर रहा है निर्धनता, लैंगिक पक्षपात और निरक्षरता की असमानताओं के 2030 तक उन्मूलन के लिए संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्य भी खतरे में हैं संयुक्त राष्ट्र को कवर करने वाली एक न्यूज साइट के अनुसार एक संयुक्त राष्ट्र निगरानी समूह-ग्लोबल पॉलिसी फोरम से सम्बद्ध एक विशेषज्ञ के पहले एक सम्मलेन में कहा था कि महामारी से पहले ही लक्ष्य "गंभीर रूप से पटरी से उतर गए" ये संयुक्त राष्ट्र के अनुभवी जानकार मानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का एक आधार-नियम बहुपक्षीयतावाद यानी मिल-जुल कर समस्या के समाधान का इसी चार्टर के उन सिद्धांतों से टकराव होता है, जिनमें राष्ट्रीय सम्प्रभुता और देश के आंतरिक मामलों में अहस्तक्षेप पर ज़ोर दिया गया है।

संयुक्त राष्ट्र के एक वास्तविक वैश्विक निकाय बनने में क्या बाधा है?

This question was previously asked in
UGC NET Paper 1: Held on 20th Oct 2022 Shift 2
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  1. सैन्य बल तैनात करने के लिए सुरक्षा परिषद की शक्ति
  2. उसकी आर्थिक प्रतिबंध लगाने की सीमित शक्ति
  3. विशाल संगठन के रूप में काफी विस्तार
  4. सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों का वीटो-अधिकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सैन्य बल तैनात करने के लिए सुरक्षा परिषद की शक्ति
Free
UGC NET Paper 1: Held on 21st August 2024 Shift 1
50 Qs. 100 Marks 60 Mins

Detailed Solution

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सही उत्तर "सैन्य बल तैनात करने के लिए सुरक्षा परिषद की शक्ति" है।

Key Points

  • पंक्ति यह है कि "इस संगठन का मूल ढांचा मुख्य निकाय-महासभा को बहुत ही कम वास्तविक शक्ति प्रदान करता है, और अधिकांश शक्ति द्वितीय विश्व युद्ध के विजेता राष्ट्रों- ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्येक को 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों के रूप में वीटो के प्रयोग के अधिकार-स्वरुप प्रदान करता हैं कोई भी स्थायी सदस्य शक्ति-संरचना में परिवर्तन के प्रति इच्छुक प्रतीत नहीं होता है सुरक्षा परिषद के पास आर्थिक प्रतिबन्ध लगाने का अधिकार है और यह एक मात्र निकाय है, जिसे सैनिक बल तैनात करने की अनुमति प्राप्त है परिणाम यह है कि सुरक्षा परिषद में अनेक मुद्दों पर लम्बे समय से गतिरोध जारी है।"
  • उपरोक्त पंक्तियाँ बताती हैं कि संयुक्त राष्ट्र आर्थिक परिषद सैन्य शक्ति को तैनात करने वाली एकमात्र संस्था है जो P-5 देशों के बीच मुद्दों पर गतिरोध की ओर ले जाती है जो संयुक्त राष्ट्र को वास्तविक वैश्विक निकाय बनने में बाधा डालती है।
  • अत: सही उत्तर विकल्प 1 है।

Latest UGC NET Updates

Last updated on Jul 21, 2025

-> The UGC NET Final Answer Key 2025 June has been released by NTA on its official website.

-> The UGC NET June 2025 Result has been released on the official website ugcnet.nta.ac.in on 22nd July 2025.

-> The UGC NET June 2025 exam will be conducted from 25th to 29th June 2025.

-> The UGC NET exam takes place for 85 subjects, to determine the eligibility for 'Junior Research Fellowship’ and ‘Assistant Professor’ posts, as well as for PhD. admissions.

-> The exam is conducted bi-annually - in June and December cycles.

-> The exam comprises two papers - Paper I and Paper II. Paper I consists of 50 questions and Paper II consists of 100 questions. 

-> The candidates who are preparing for the exam can check the UGC NET Previous Year Papers and UGC NET Test Series to boost their preparations.

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