गेट कंट्रोल थ्योरी निम्नलिखित में से किस तंत्र को दर्द की अनुभूति को प्रभावित करने के लिए सुझाती है?

A. बड़े व्यास वाले तंत्रिका तंतु दर्द के संचरण को रोकते हैं।

B. छोटे व्यास वाले तंत्रिका तंतु दर्द संकेतों के संचरण को सुगम बनाते हैं।

C. संज्ञानात्मक प्रक्रियाएँ, जैसे कि ध्यान और विकर्षण, दर्द को नियंत्रित कर सकती हैं।

D. सभी दर्द संकेत तुरंत बिना किसी संशोधन के चेतन स्तर तक पहुँच जाते हैं।

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें:

  1. केवल A, B, और C
  2. केवल A और D
  3. केवल B, C, और D
  4. केवल A और C

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : केवल A, B, और C

Detailed Solution

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सही उत्तर 'केवल A, B, और C' है।

Key Points

  • दर्द का गेट कंट्रोल सिद्धांत:
    • 1965 में रोनाल्ड मेलज़ैक और पैट्रिक वॉल द्वारा प्रस्तावित इस सिद्धांत से पता चलता है कि दर्द दर्द रिसेप्टर न्यूरॉन्स के सक्रियण का प्रत्यक्ष परिणाम नहीं है, बल्कि इसकी अनुभूति विभिन्न प्रकार के तंत्रिका तंतुओं और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र प्रक्रियाओं के बीच परस्पर क्रिया द्वारा नियंत्रित होती है।
  • बड़े व्यास वाले तंत्रिका तंतु दर्द को रोकते हैं (A):
    • सिद्धांत के अनुसार, बड़े व्यास वाले तंत्रिका तंतु (A-बीटा तंतु) रीढ़ की हड्डी में निरोधात्मक इंटरन्यूरॉन्स को सक्रिय करके दर्द संकेतों के संचरण को रोक सकते हैं। इससे दर्द की अनुभूति कम होती है।
  • छोटे व्यास वाले तंत्रिका तंतु दर्द संकेतों को सुगम बनाते हैं (B):
    • छोटे व्यास वाले तंत्रिका तंतु (A-डेल्टा और C तंतु) केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को दर्द संकेतों के संचारण के लिए जिम्मेदार होते हैं। जब ये तंतु सक्रिय होते हैं, तो वे दर्द संकेतों के संचरण को सुगम बनाते हैं, जिससे दर्द की अनुभूति होती है।
  • संज्ञानात्मक प्रक्रियाएँ दर्द को नियंत्रित करती हैं (C):
    • संज्ञानात्मक प्रक्रियाएँ, जैसे कि ध्यान और विकर्षण, दर्द की अनुभूति को नियंत्रित कर सकती हैं। दर्द पर ध्यान केंद्रित करने से इसकी तीव्रता बढ़ सकती है, जबकि विकर्षण से यह कम हो सकती है। यह दर्द की अनुभूति में मस्तिष्क की भूमिका को उजागर करता है।

Additional Information

  • दर्द संकेत और चेतन स्तर (D):
    • यहाँ गलत कथन यह है कि सभी दर्द संकेत तुरंत बिना किसी संशोधन के चेतन स्तर तक पहुँच जाते हैं। गेट कंट्रोल थ्योरी विशेष रूप से यह बताती है कि रीढ़ की हड्डी के स्तर पर दर्द संकेतों को नियंत्रित किया जा सकता है इससे पहले कि वे मस्तिष्क तक पहुँचें, जिसका अर्थ है कि वे बिना संशोधित किए चेतन स्तर तक नहीं पहुँचते हैं।
  • सारांश:
    • गेट कंट्रोल थ्योरी दर्द की अनुभूति की एक व्यापक समझ प्रदान करती है, जो तंत्रिका तंतुओं और संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं के बीच की बातचीत पर जोर देती है। यह दर्शाता है कि दर्द एक गतिशील अनुभव है जो कई कारकों से प्रभावित होता है, न कि केवल चोट से मस्तिष्क तक का सीधा संकेत।

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