निम्न में से किसमें, माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया है कि परक्राम्य लिखत अधिनियम से उत्पन्न मामले में यदि दोनों संव्यवहार एक ही संव्यवहार के भाग हों तो अनुक्रमिक दण्डों को समवर्ती रूप से चलाने का आदेश दिया जा सकेगा?

  1. (2010) 5 एस. सी. सी. 663, दामोदर एस. प्रभू बनाम् सैयद बाबालाल एच.।
  2. (2016) 3 एस.सी.सी. 1, डोन ऐन्जिया बनाम् असम राज्य एवं अन्य।
  3. (2009) 1 एस.सी.सी. 706, महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा फाइनेन्सियल सर्विसेज लि. एवं अन्य बनाम् राजीव दुबे।
  4. (2016) 10 एस.सी.सी. 761, श्याम पाल बनाम् दयावती बसोया एवं अन्य।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : (2016) 10 एस.सी.सी. 761, श्याम पाल बनाम् दयावती बसोया एवं अन्य।

Detailed Solution

Download Solution PDF

सही उत्तर विकल्प 4 है। Key Points 

  • श्याम पाल बनाम दयावती बेसोया, (2016) 10 एस.सी.सी.761 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि परक्राम्य लिखत अधिनियम से उत्पन्न मामले में, यदि दोनों लेनदेन, एकल लेनदेन का हिस्सा हैं, तो क्रमिक सजाओं को एक साथ चलाने का निर्देश दिया जा सकता है।
  • न्यायालय ने दोहराया कि न्यायालय दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 427 के तहत अपने विवेक का प्रयोग कैदियों के लाभ के लिए उन मामलों में कर सकते हैं जहां अभियोजन एक ही लेन-देन पर आधारित है, भले ही उससे संबंधित अलग-अलग शिकायतें क्यों न दर्ज की गई हों।
  • दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 427 के अनुसार, किसी अन्य अपराध के लिए पहले से ही सजा पाए अपराधी को सजा दी जाती है।
  • (1) जब पहले से कारावास की सजा काट रहा कोई व्यक्ति किसी पश्चातवर्ती दोषसिद्धि पर कारावास या आजीवन कारावास से दण्डित किया जाता है , तो ऐसा कारावास या आजीवन कारावास उस कारावास की समाप्ति पर प्रारम्भ होगा, जिसके लिए उसे पहले दण्डित किया गया था, जब तक कि न्यायालय यह निदेश न दे कि पश्चातवर्ती सजा ऐसी पूर्ववर्ती सजा के साथ-साथ चलेगी।

Hot Links: happy teen patti dhani teen patti teen patti - 3patti cards game teen patti tiger teen patti sequence