साहित्य को 'जनता की चित्तवृत्तियों का संचित प्रतिबिंब' इनमें से किसने कहा है?

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UP Police SI (दरोगा) Official PYP (Held On: 13 Nov 2021 Shift 1)
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  1. जयशंकर प्रसाद
  2. रामचंद्र शुक्ल
  3. रामविलास शर्मा 
  4. महावीरप्रसाद द्विवेदी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : रामचंद्र शुक्ल
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UP Police SI (दरोगा) Official PYP (Held On: 2 Dec 2021 Shift 1)
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साहित्य को 'जनता की चित्तवृत्तियों का संचित प्रतिबिंब' इनमें से कहा है- रामचंद्र शुक्ल

Key Points

  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने साहित्य को 'जनता की चित्तवृत्तियों का संचित प्रतिबिंब' कहा है,
  • उन्होंने अपने ग्रंथ 'साहित्य का इतिहास' में यह विचार व्यक्त किया है
  • कि प्रत्येक देश का साहित्य वहाँ की जनता की भावनाओं, विचारों और अनुभवों का प्रतिबिंब होता है

Important Pointsआचार्य रामचंद्र शुक्ल- 

  • जन्म- 1884 - 1941 ई.
  • हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार थे।
  • उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक हिन्दी साहित्य का इतिहास है।
  • हिन्दी में पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात भी उन्हीं के द्वारा हुआ। 
  • आलोचनात्मक ग्रंथ-
    • हिन्दी साहित्य का इतिहास
    • जायसी ग्रंथावली (1924)
    • गोस्वामी तुलसीदास (1923)
    • रसमीमांसा (1949)
    • भ्रमर गीत सार (1925 )
    • काव्य मे रहस्यवाद (1929)

Additional Informationजयशंकर प्रसाद-

  • जन्म- 1889-1937 ई.
  • हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे। 
  • कहानी-संग्रह- 
    • छाया 
    • प्रतिध्वनि 
    • आकाशदीप 
    • आंधी 
    • इंद्रजाल। 
  • निबंध- 
    • काव्य और कला तथा अन्य निबंध। 

रामविलास शर्मा -

  • जन्म- 1912 - 2000 ई.
  • आधुनिक हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक, निबंधकार, विचारक एवं कवि थे।
  • आलोचना-
    • प्रेमचन्द -1941
    • भारतेन्दु युग -1943
    • निराला -1946
    • प्रेमचन्द और उनका युग -1952
    • भारतेन्दु हरिश्चन्द्र -1953 
    • प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ -1954
    • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और हिन्दी आलोचना -1955
    • विराम चिह्न -1957 
    • आस्था और सौन्दर्य -1961

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी- 

  • जन्म- 1907 - 1979 ई.
  • हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। 
  • निबंध संग्रह-
    • अशोक के फूल (1948)
    • कल्पलता (1951)
    • मध्यकालीन धर्म साधना (1952)
    • विचार और वितर्क (1957)
    • विचार प्रवाह (1959)
    • कुटज (1964)
    • साहित्य सहचर (1965)
    • आलोक पर्व (1972)
  • आलोचनात्मक ग्रंथ- 
    • सूर साहित्‍य (1936)
    • हिन्‍दी साहित्‍य की भूमिका (1940)
    • प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद (1952)
    • कबीर (1942)
    • हिन्‍दी साहित्‍य का आदिकाल (1952)
    • लालित्‍य तत्त्व (1962)
    • साहित्‍य सहचर (1965)
    • कालिदास की लालित्‍य योजना (1965)
    • मध्‍यकालीन बोध का स्‍वरूप (1970)
    • सहज साधना (1963)
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Last updated on Jul 4, 2025

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