सर्वेषां बालानां भाषाधिग्रहणक्षमता जन्मजाता एव अस्ति इति केन विदुषा उक्तम्‌?

This question was previously asked in
CTET Sept 2016 Paper 2 Maths & Science (L - I/II: Hindi/English/Sanskrit)
View all CTET Papers >
  1. वायगोत्स्की (Vygotsky)
  2. नोम चॉमस्की (Noam Chomsky)
  3. स्टिफेन क्रशेन (Stephen Krasben)
  4. बी.एफ. स्किनर (B.F. Skinner)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : नोम चॉमस्की (Noam Chomsky)
Free
CTET CT 1: TET CDP (Development)
76.3 K Users
10 Questions 10 Marks 8 Mins

Detailed Solution

Download Solution PDF

प्रश्न का अनुवाद - सभी बालकों में भाषाअधिग्रहण की क्षमता जन्मजात ही है यह किस विद्वान ने कहा है?

स्पष्टीकरण - सभी बालकों में भाषा अधिग्रहण की क्षमता जन्मजात होती है ऐसा नोम चौमस्की ने कहा है। 

 Key Points

नोम चौमस्की ने अपने “रिव्यू ऑफ स्किनर्स बर्बल बिहेवियर" द्वारा अपने मत को स्पष्ट करते हुए कहा कि बच्चों में भाषिक क्षमता जन्मजात होती है!

उन्होंने माना कि प्रत्येक मानव शिशु में व्याकरण की संरचनाओं का अंतनिर्हित एवं जन्मजात खाका होता है जिसे सार्वभौम व्याकरण की संज्ञा दी है।

भाषा के ज्ञान का औपचारिक व्याकरण के द्वारा मॉडलिंग करने पर भाषा उत्पादकता के बारे में काफी जानकारी इकट्ठा की जा सकती है, जिसके अनुसार व्याकरण के सीमित नियमों द्वारा असीमित वाक्य निर्माण संभव हो पाता है। उन्होंने जेनेरेटिव ग्रामर के नियमों के महत्व को भी स्वीकार किया है।

उनके अनुसार मन भाषा के तत्वों को संशोधित करके नियमों में बांधता है ,निर्धारित करता है और उसके पश्चात हम उस भाषा को अर्जित करते हैं। चौमस्की भाषा की सृजनात्मकता पर विशेष बल देते हैं |

 

नोम चौमस्की के अनुसार व्याकरण जन्मजात होता है बच्चा उसकी जानकारी लेकर पैदा होता है। इस संबंध में, चॉम्स्की ने सिखाया कि भाषा चलने की तरह है। यद्यपि मनुष्य उदाहरण के द्वारा सीखते हैं, उन्होंने प्रस्तावित किया कि हम सभी भाषा के अंतर्निहित तंत्र की मौलिक समझ के साथ पैदा हुए हैं।
उनके अनुसार हमारी यही जन्मजात विशेषता हमें उन वाक्यों को पहचानने में हमारी मदद करती है जो व्याकरण के रूप से तो ठीक हैं लेकिन उसका मतलब कुछ नहीं होता है।

चौमस्की के व्याकरण  की संरचना के 3 सिद्धांत-

  • भाषा के सामान्य सिद्धांत  को समझना व सार्वभौमिक व्याकरण का निर्माण करना|
  • वाक्य के निर्माण व उसकी ज्ञान के विकास की प्रक्रिया को समझना|
  • अवचेतन ज्ञान का पता लगाने का प्रयास करना जिससे कि कोई भी व्यक्ति अपनी भाषा का शुद्ध व सफल प्रयोग कर सके|
 Additional Information
  • स्टीफन क्रॉशन - इनके सिद्धांत का नाम द्विभाषा अधिगम सिद्धांत है। इसमें भाषायी दक्षता प्राप्त करने के लिए अधिगम व ग्राहता के बीच संबंध स्थापित करने पर बल दिया गया है।
  • वायगोत्स्की - इनका सिद्धांतका नाम सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत है। इनके अनुसार बच्चों में विकास में भाषा व सामाजिक कारक विशेष भूमिका निभाते हैं।
  • बी०एफ० स्किनर- इनके सिद्धांत का नाम सक्रिय अनुबंधन का सिद्धांत है। उन्होंने अपने सिद्धांत में व्यवहारवाद पर विशेष बल दिया है | 
Latest CTET Updates

Last updated on Apr 30, 2025

-> The CTET 2025 Notification (July) is expected to be released anytime soon.

-> The CTET Exam Date 2025 will also be released along with the notification.

-> CTET Registration Link will be available on ctet.nic.in.

-> CTET is a national-level exam conducted by the CBSE to determine the eligibility of prospective teachers.  

-> Candidates can appear for CTET Paper I for teaching posts of classes 1-5, while they can appear for CTET Paper 2 for teaching posts of classes 6-8.

-> Prepare for the exam with CTET Previous Year Papers and CTET Test Series for Papers I &II.

More प्रसिद्ध दार्शनिक Questions

Get Free Access Now
Hot Links: teen patti real cash apk teen patti apk download teen patti master 2025 teen patti master golden india teen patti all app