Question
Download Solution PDF“नेह न नैननि को कछु उपजी बड़ी बलाय।
नीर भरै नित प्रति रहैं, तऊ न प्यास बुझाय।।”
इन पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है ?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDF“नेह न नैननि को कछु उपजी बड़ी बलाय। नीर भरै नित प्रति रहैं, तऊ न प्यास बुझाय।।”- इन पंक्तियों में विभावना अलंकार है।
Key Pointsविभावना अलंकार-
- जहाँ पर बिना कारण के भी कार्य का होना पाया जाता है, वहाँ विभावना अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- 'बिनु पद चलइ सुनइ बिनु काना'।
Important Pointsदृष्टांत अलंकार -
- जहाँ पहले कोई बात कहकर, उससे मिलती-जुलती बात द्वारा दृष्टान्त दिया जाय, लेकिन समानता किसी शब्द द्वारा प्रकट न हो, वहाँ दृष्टान्त अलंकार होता है।
- अर्थात जब दो वाक्यों में दो भिन्न बातें बिम्ब प्रतिबिम्ब भाव से प्रकट की जाती हैं, उसे दृष्टान्त अलंकार कहते हैं।
- उदाहरण-
- सठ सुधरहिं सत संगति पाई।
पारस परस कुधात सुहाई ॥ - (यहाँ सत्संगति से सठ का सुधरना वैसा ही है, जैसे पारसमणि के स्पर्श से कुधातु का चमकना। यहाँ प्रथम वाक्य की सत्यता साबित करने के लिए दृष्टान्त रूप से दूसरा वाक्य आया है।)
- सठ सुधरहिं सत संगति पाई।
विशेषोक्ति अलंकार-
- काव्य में जहाँ कारण के होते हुए भी कार्य का न होना पाया जाय , वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है।
- उदाहरण –
- पानी बिच मीन, मीन पियासी ।
मोहि सुनि-सुनि, आवै हाँसी ॥ - (यहाँ पर ‘मीन’ पानी के बीच भी प्यासी है। यहाँ ‘कारण’ पानी होते हुए भी कार्य (प्यास बुझाना) नहीं हो रहा है।)
- पानी बिच मीन, मीन पियासी ।
अत्युक्ति अलंकार-
- जहाँ किसी की झूठी वीरता, वियोग, उदारता, प्रेम, सुन्दरता, यश आदि का बहुत बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाता है कि देखने में हास्यास्पद लगे तो वहां अत्युक्ति अलंकार होता है।
- उदाहरण-
- त आवति चलि जेत उत चली छः सातक हाथ।
चढ़ी हिंडोरे सी रहै लगी उसासन साथ॥
- त आवति चलि जेत उत चली छः सातक हाथ।
Last updated on Jul 7, 2025
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