अव्ययीभाव समास MCQ Quiz - Objective Question with Answer for अव्ययीभाव समास - Download Free PDF

Last updated on Jun 24, 2025

Latest अव्ययीभाव समास MCQ Objective Questions

अव्ययीभाव समास Question 1:

निम्नलिखित में से अव्ययीभाव समास से सम्बंधित एक नहीं है?

  1. यथास्थान
  2. यथासंभव
  3. प्रतिदिन
  4. कर्तव्यच्युत कर्तव्य से च्युत
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : कर्तव्यच्युत कर्तव्य से च्युत

अव्ययीभाव समास Question 1 Detailed Solution

''कर्तव्यच्युत कर्तव्य से च्युत''अव्ययीभाव समास से सम्बंधित नहीं है l Key Points

  • प्रतिदिन, यथासंभव, यथास्थान अव्ययीभाव समास के उदाहरण हैं l
  • कर्तव्यच्युत अपादान तत्पुरुष समास का उदाहरण है तथा इसका समास विग्रह है:- कर्तव्य से च्युत जो हो चुका हो l  

दिए गए अन्य विकल्पों का विश्लेषण:-

  • यथासंभव- जहाँ तक संभव हो सके
  • प्रतिदिन- प्रत्येक दिन जो हो 
  • यथास्थानस्थान के अनुसार

Additional Information

  • अव्ययीभाव समास - इस समास में पहला या पूर्वपद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। अव्यय के संयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाता है।
  • जिन शब्दों पर लिंग, कारक, काल आदि से भी कोई प्रभाव न पड़े अर्थात जो अपरिवर्तित रहें, वे शब्द अव्यय कहलाते हैं।
  • इसमें पूर्वपद प्रधान होता है। 
    • व्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते हैं।
  • अव्ययीभाव समास के अन्य उदहारण -
    • आजन्म: जन्म से लेकर
    • यथामति : मति के अनुसार
    • प्रतिदिन : दिन-दिन 

अव्ययीभाव समास Question 2:

‘प्रत्येक’ में समास का कौन सा भेद है?

  1. द्वंद्व
  2. अव्ययी
  3. तत्पुरुष
  4. बहुब्रीहि
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अव्ययी

अव्ययीभाव समास Question 2 Detailed Solution

‘प्रत्येक’ में समास का ''अव्ययी'' भेद है l अन्य सभी विकल्प अनुचित उत्तर है lKey Points

  • प्रत्येक का अर्थ है - हर एक l
  • अव्ययी समास- इस समास में पहला और पूर्व पद जो अवयव होता है और उसका अर्थ प्रधान रहता है।
  • अभियोग के संयोग से समस्त पद भी अभियोग बन जाते हैं। इससे पूर्व पद पूरी तरह से प्रधान रहता है।
  • जिन शब्दों पर लिंग, कारक, काल आदि से भी कोई प्रभाव न पड़े अर्थात जो अपरिवर्तित रहें, वे शब्द अव्यय कहलाते हैं।
  • अन्य उदाहरण- 
    • यथानाम - नाम के अनुसार
    • प्रतिपल - पल-पल
  • द्वंद्व, तत्पुरुष, बहुब्रीहि गलत उत्तर हैं l यह नीचे उदाहर के रूप में समझाया गया है l 

 Additional Information

  • तत्पुरुष समास के उदाहरण :
    • चित्त चोर – चित्त को चुराने वाला
    • मनोहर – मन को हरने वाला
    • जेबकतरा – जेब को काटने वाला
  • बहुव्रीहि समास के उदाहरण-
    • दस हैं आनन जिसके- दशानन (रावण)
    • घनश्याम- घन के समान श्याम है जो (कृष्ण)
  • द्वंद्व समास के  उदाहरण-
    • आजकल- आज और कल
    • अच्छा-बुरा- अच्छा और बुरा

Important Points

  • अव्ययी समास को ही अव्ययीभाव समास भी कहते हैं l

अव्ययीभाव समास Question 3:

'आमरण' पद में समास है :

  1. अव्ययीभाव 
  2. द्विगु 
  3. कर्मधारय 
  4. द्वंद्व 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अव्ययीभाव 

अव्ययीभाव समास Question 3 Detailed Solution

'आमरण' पद में "अव्ययीभाव" समास है।

इसका पूर्वपद ‘आ’ अव्यय है। 

आमरण का समास-विग्रह ' मृत्यु पर्यन्त' अथवा 'मृत्यु तक' है।Key Pointsअव्ययीभाव समास:  

जिस समास का पहला पद कोई अव्यय (अविकारी शब्द) होता है, उस समास को अव्ययीभाव समास कहते हैं।

जैसे- ‘यथासमय’ समस्तपद ‘यथा’ और ‘समय’ के योग से बना है।

इसका पूर्वपद ‘यथा’ अव्यय है और इसका विग्रह होगा- ‘समय के अनुसार।

समस्तपद विग्रह
आजीवन जीवन भर
भरपूर पूरा भरा हुआ
बेमिसाल जिसकी मिसाल न हो
प्रतिदिन दिन-दिन/हर दिन

Additional Informationद्विगु समास:

जिस सामासिक पद का पहला शब्द (पूर्व पद) संख्यावाचक विशेषण हो, उसे द्विगु समास कहते हैं।

उदाहरण:

  • तिरंगा  – तीन रंगों का समूह
  • त्रिलोक  – तीनों लोकों का समाहार
  • सप्तसिंधु  – सात सिंधुयों का समूह

कर्मधारय समास:

जिस समास में सभी शब्दों का भाव समान रूप से हो, उसे कर्मधारय समास कहते हैं।

इसमें सभी पदों का, चाहे वो विशेषण हो या विशेष्य, सभी की प्रधानता होती है। समान्यतः, इन शब्दों के लिंग और वचन भी समान होते हैं।

उदाहरण:

  • परमेश्र्वर – परम है जो ईश्र्वर
  • प्राणप्रिय – प्राणों के समान प्रिय
  • महादेव – महान है जो देव

द्वंद्व समास:

द्वंद्व समास में कोई पद गौण नहीं होता बल्कि दोनों ही पद प्रधान होते हैं।
समस्तपद बनाते समय दोनों पदों को जोड़ने वाले समुच्चयबोधक अव्ययों-‘और’, ‘तथा’, ‘या’ आदि को हटा दिया जाता है।

तथा विग्रह करते समय इनको पुनः दोनों पदों के बीच जोड़ दिया जाता है; जैसे- राम-श्याम. इसका विग्रह होगा- राम और श्याम।

उदाहरण: 

  • दाल-चावल - दाल और चावल
  • जल-थल - जल और थल
  • नदी-नाले - नदी और नाले
  • राधा-कृष्ण - राधा और कृष्ण

अव्ययीभाव समास Question 4:

'प्रत्यंग' किस समास का उदाहरण है?

  1. अव्ययीभाव
  2. तत्पुरुष
  3. द्विगु
  4. द्वंद
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अव्ययीभाव

अव्ययीभाव समास Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर अव्ययीभाव’ है। 

Key Points

  • 'प्रत्यंगअव्ययीभाव समास का उदाहरण है। 
  • 'प्रत्यंग' का समास विग्रह होगा - प्रति अंग। 
  • अव्ययीभाव समास में प्रथम पद अव्यय होता है।

पदों की प्रधानता के आधार पर समास का वर्गीकरण निम्न प्रकार है -  

  1. पूर्वपद प्रधान- अव्ययीभाव समास
  2. उत्तरपद प्रधान- तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्विगु  समास
  3. दोनों पद प्रधान- द्वंद्व समास
  4. दोनों पद अप्रधान- बहुव्रीहि समास

संधि और समास- अर्थ की द्रष्टि से दोनों शब्द सामान हैं यद्यपि दोनों में कुछ अंतर है जैसे- 

  1. संधि वर्णों का मेल है और समास शब्दों का मेल है।
  2. संधि में वर्णों के मेल से वर्ण परिवर्तन अथवा विकार उत्पन्न होता है जबकि समास में ऐसा नहीं होता।
  3. संधि के द्वारा बने शब्दों को पुनः मूल अवस्था में लाने को संधि-विच्छेद कहते हैं जबकि समास के पदों को अलग करने की प्रक्रिया समास-विग्रह कहलाती है।  

Additional Information

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास का नाम

परिभाषा 

उदाहरण 

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव समास

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व समास 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

 

 

अव्ययीभाव समास Question 5:

बेशर्म कौन-सा समास है ?

  1. द्वन्द्व समास
  2. अव्ययीभाव समास
  3. कर्मधारय समास
  4. नञ् समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अव्ययीभाव समास

अव्ययीभाव समास Question 5 Detailed Solution

बेशर्म समास है - अव्ययीभाव समास

Key Points

  • "बेशर्म" शब्द अव्ययीभाव समास है। "बेशर्म" का समास विग्रह "शर्म के बिना" होता है
  • जहाँ प्रथम पद या पूर्व पद प्रधान हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण अव्यय हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। 
  • अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है।
    • उदाहरण - यथासंभव = जैसा संभव हो, निर्भय = बिना भय के, यथासमय = समय के अनुसार आदि।  

Important Points  समास के भेद-

  1. तत्पुरुष समास
  2. कर्मधारय समास 
  3. द्विगु समास 
  4. द्वन्द्व समास 
  5. बहुव्रीहि समास 
  6. अव्ययीभाव समास​

Additional Information

समास परिभाषा उदाहरण
कर्मधारय जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, उसे कर्मधारय समास कहलाता है। पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में ‘रुपी’ , 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

 

कापुरुष = कायर है जो पुरुष

संसारसागर = संसार रूपी सागर

भुजदंड = दंड के समान भुजा

द्वन्द्व जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वन्द्व समास कहलाता है।

छोटा-बड़ा = छोटा या बड़ा

देश-विदेश = देश और विदेश

नञ् समास

जिस समास में पहला पद निषेधात्मक हो, उसे नञ तत्पुरुष समास कहते हैं। इसमे नहीं का बोध होता है।

अनाचार = न आचार

अनभिज्ञ = न देखा हुआ

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निम्नलिखित में से अव्ययीभाव समास कौनसा है-

  1. विद्यालय
  2. मनमाना
  3. कनफटा
  4. भरपेट

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भरपेट

अव्ययीभाव समास Question 6 Detailed Solution

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सही विकल्प 4 'भरपेट' है। 

Key Points

  • भरपेट में अव्ययीभाव समास का प्रयोग किया गया जिसका अर्थ होता है 'पेट भरकर'
  • अव्ययीभाव समास- जिस समास का प्रथम पद या पूर्व पद अव्यय हो अर्थात जिसमें प्रथम पद प्रधान हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
    • अन्य उदाहरण- प्रतिदिन, यथाशक्ति, यथासंभव यावज्जीवन आदि।
  • अन्य विकल्पः-
    • विद्यालय- का समस विग्रह- विद्या के लिए आलय। इस शब्द में सम्प्रदान तत्पुरुष समास है।
    • मनमानाका समस विग्रह- 'मन से माना हुआ'। इस शब्द में करण तत्पुरुष समास(से , द्वारा) है।
    • कनफटा- का समस विग्रह- ' कान है फटे हुए जिसके अर्थात् नाथों का एक विशेष संप्रदाए विशेष। इसमें बहुब्रीह समास है।

Additional Information

  • समास- दो या दो से अधिक पदों या शब्दों के संक्षेपीकरण से जो शब्द बनता है, उसे ही समास कहते है। 
    • समास में मुख्यता दो पद होते है पहले पद को पूर्व पद एवं दूसरे पद को उत्तर पद कहते है ।
    • समास के मुख्यतः 4 भेद होते है। किन्तु तत्‍पुरुष समास के दो उपभेद भी होते है।
  • अव्ययी भाव समास -जिस समास का प्रथम पद अव्यय हो अर्थात् प्रथम पद प्रधान हो ।
    • जैसे- आजन्म,प्रतिदिन, प्रत्यक्ष आदि।
  • तत्पुरुष समाम - जिस समास का अंतिम पद अर्थात  उत्तर पद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समाम कहते है।
    • जैसे- चिड़ीमार, गगनचुम्बी आदि।
  • कर्मधारय समाम-जिस समास में विशेषण और विशेष्य का संबंध अथवा उपमेय और उपमान का संबंध पाया जाता है. उसं कर्मधार्य समास कहते है।
    • जैसे- नीलगाय-नीली है जो गाय  
  • द्विगु समाम -जिस समास का प्रथम पद संख्यावाची तथा अंतिम पद संज्ञा हो उसे द्विगु समास कहते है। जैसे -नवरत्न 
    • समास के अन्य उदाहरण
  • बहुव्रीह समास - कोई पद प्रधान नही।
    • जैसे चतुर्भुज - चार भुजाएँ है जिसकी अर्थात भगवान विष्णु
  • द्वन्‍द्व समास- दोनो पद प्रधान होते है।
    • जैसे माता- पिता 

Mistake Pointsतत्‍पुरुष समास के दो उपभेद हैं- 

  • कर्मधारय समास
  • द्विगु समास 

'प्रत्यंग' किस समास का उदाहरण है?

  1. अव्ययीभाव
  2. तत्पुरुष
  3. द्विगु
  4. द्वंद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अव्ययीभाव

अव्ययीभाव समास Question 7 Detailed Solution

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सही उत्तर अव्ययीभाव’ है। 

Key Points

  • 'प्रत्यंगअव्ययीभाव समास का उदाहरण है। 
  • 'प्रत्यंग' का समास विग्रह होगा - प्रति अंग। 
  • अव्ययीभाव समास में प्रथम पद अव्यय होता है।

पदों की प्रधानता के आधार पर समास का वर्गीकरण निम्न प्रकार है -  

  1. पूर्वपद प्रधान- अव्ययीभाव समास
  2. उत्तरपद प्रधान- तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्विगु  समास
  3. दोनों पद प्रधान- द्वंद्व समास
  4. दोनों पद अप्रधान- बहुव्रीहि समास

संधि और समास- अर्थ की द्रष्टि से दोनों शब्द सामान हैं यद्यपि दोनों में कुछ अंतर है जैसे- 

  1. संधि वर्णों का मेल है और समास शब्दों का मेल है।
  2. संधि में वर्णों के मेल से वर्ण परिवर्तन अथवा विकार उत्पन्न होता है जबकि समास में ऐसा नहीं होता।
  3. संधि के द्वारा बने शब्दों को पुनः मूल अवस्था में लाने को संधि-विच्छेद कहते हैं जबकि समास के पदों को अलग करने की प्रक्रिया समास-विग्रह कहलाती है।  

Additional Information

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास का नाम

परिभाषा 

उदाहरण 

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव समास

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व समास 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

 

 

निर्देश : निम्नलिखित प्रत्येक शब्द के लिए उसके नीचे दिए गए विकल्पों में से उपयुक्त समास छाँटिए :

यथाशक्ति

  1. अव्ययीभाव
  2. कर्मधारय 
  3. बहुव्रीहि
  4. तत्पुरुष

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अव्ययीभाव

अव्ययीभाव समास Question 8 Detailed Solution

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सही उत्तर है - ‘अव्ययीभाव’।

  • यथाशक्ति अव्ययीभाव समास का उदाहरण है।
  • इसका समास विग्रह होगा - शक्ति के अनुसार।

Key Points

  • यथाशक्ति’ में ' ‘यथा’ अव्यय का प्रयोग हुआ है इस कारण यहाँ ‘अव्ययीभाव समास’ होगा।
  • अव्ययीभाव समास में पहला पद प्रधान होता है और समस्त शब्द अव्यय का काम करता है।
  • उदाहरण :
    • आजन्म: जन्म से लेकर
    • यथामति : मति के अनुसार
    • प्रतिदिन : दिन-दिन

Additional Information

  • समास :- समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है।
    समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है।
  • जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र।
  • समास के छःप्रकार हैं -
    • अव्ययीभाव समास 
    • तत्पुरुष समास
    • कर्मधारय समास
    • द्विगु समास
    • द्वन्द समास
    • बहुव्रीहि समास

निम्नांकित में अव्ययीभाव समास का उदाहरण नहीं हैः

  1. पुश्तानुपुश्त
  2. बेखटके
  3. आपबीती
  4. प्रतिदिन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : आपबीती

अव्ययीभाव समास Question 9 Detailed Solution

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'आपबीती' अव्ययीभाव समास का उदाहरण नही है। अतः 'आपबीती' सही उत्तर है।
आपबीती - अपने पर बीती हुई - तत्पुरुष समास
Key Points

  • बेखटके -  बिना खटके के - अव्ययीभाव समास  
  • प्रतिदिन - प्रत्येक दिन - अव्ययीभाव समास 
  • 'पुश्तानुपुश्त' :- पुश्तो के बाद पुश्ते - अव्ययी भाव समास
  • यथासम्भव - जैसे भी सम्भव हो -  अव्ययीभाव समास 

Additional Information 

 अव्ययीभाव समास

 जहाँ प्रथम पद या पूर्व पद प्रधान हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।

शक्ति के अनुसार = यथाशक्ति

जन्म से लेकर = आजन्म

मति के अनुसार = यथामति

भरा हुआ पेट = भरपेट

हर दिन = हररोज 

तत्पुरुष समास

जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।

 मन से माना हुआ = मनमाना 

'समक्ष' में कौन-सा समास है ?

  1. तत्पुरुष
  2. कर्मधारय
  3. अव्ययीभाव
  4. द्वन्द्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अव्ययीभाव

अव्ययीभाव समास Question 10 Detailed Solution

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समक्ष' में 

अव्ययीभाव  समास है Key Points

 

समस्त पद समास विग्रह समास  का प्रकार
समक्ष अक्षि के सामने अव्ययीभाव समास
  • यहाँ पर अव्ययीभाव समास इसलिए होगा क्योंकि इसका पहला पद अव्यय है और इसके योग से सभी पद अव्यय में परिवर्तित हो गए तथा इसका अर्थ प्रधान है।

 Additional Informationतत्पुरुष-

  • वह समास, जिसका उत्तरपद या अंतिम पद प्रधान हो।
  • जैसे–राजकुमार सख्त बीमार था।
  • इस वाक्य में समस्तपद ‘राजकुमार’ जिसका विग्रह है–राजा का कुमार इस विग्रह पद में ‘राजा’ पहला पद और ‘कुमार’ (पुत्र) उत्तर पद है।
  • अब प्रश्न है–कौन बीमार था, राजा या कुमार?
  • उत्तर मिलता है–कुमार स्पष्ट है कि उत्तरपद की ही प्रधानता है​

कर्मधारय

  • कर्मधारय समास में पूर्व पद विशेषण तथा उत्तर पद विशेष्य होता है।
  • नील कमल: नील के समान कमल।
  • प्रधानाध्यापक: प्रधान है जो अध्यापक।
  • महाराज: महान है जो राजा।
  • ऊपर उदाहरण दर्शाए गए हैं, इन उदाहरण में पूर्व पद में उत्तर पद की विशेषता बताई जा रही है

द्वन्द्व-

  • ऐसे समास शब्द जिनमें समस्त या दोनों पद प्रधान हो।

‘यथासंभव’

में कौन सा समास है?

  1. अव्ययीभाव
  2. कर्मधारय
  3. तत्पुरूष
  4. द्विगु

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अव्ययीभाव

अव्ययीभाव समास Question 11 Detailed Solution

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'यथासंभव’ का विग्रह 'जहाँ तक संभव हो सके' है अतः यहाँ 'अव्ययीभाव समास' है। शेष विकल्प असंगत हैं। इस प्रकार सही विकल्प 'अव्ययीभाव' है।

स्पष्टीकरण 

  • अव्ययीभाव समास का पूर्वपद प्रधान होता है और समास पद अव्यय हो जाता है। इसमें पहला पद उपसर्ग जाति का अव्यय होता है और वही प्रधान होता है।

 

अन्य विकल्प

समास - समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। जब दो या दो से अधिक शब्दों के योग से जो छोटा शब्द बने उसे समास कहते हैं। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - रजा का पुत्र – राजपुत्र,

समास के छःप्रकार हैं -

समास का नाम

परिभाषा

उदाहरण

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

  1. धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ
  2. तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,
पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

  1. कमल के समान नयन कमलनयन
  2. महान है जो देव महादेव

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

  1. दो पहरों का समूह = दोपहर
  2. तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्ययी भाव समास नहीं है-

  1. तिलचट्टा
  2. अनजाना
  3. पलपल
  4. रातोंरात

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : तिलचट्टा

अव्ययीभाव समास Question 12 Detailed Solution

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अव्ययी भाव समास नहीं है- तिलचट्टा

Key Pointsतिलचट्टा-

  • तिल को चाटनेवाला 
  • इसमें कर्म तत्पुरुष समास है। 

Important Pointsसमास -

  • दो या दो से अधिक शब्द से बने हुए नए शब्द को समास कहा जाता है।
  • समास के 6 भेद होते है-
समास परिभाषा उदाहरण
अव्ययीभाव पहला पद प्रधान तथा अव्यय हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण का कार्य करें वहां अव्ययीभाव होता है।

प्रति + दिन  = प्रतिदिन

निर्विवाद = बिना विवाद के

कर्मधारय  जिस समास में पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य हो, कर्मधारय समास कहलाता है।

कालीमिर्च = काली है जो मिर्च

नीलकमल = नीला है जो कमल

द्विगु    जिस समास में पूर्वपद संख्यावाचक हो, द्विगु समास कहलाता है।

नवरत्न = नौ रत्नों का समूह

सप्तदीप = सात दीपों का समूह

 बहुव्रीहि जिस समास में दोनों पदों के माध्यम से एक विशेष (तीसरे) अर्थ का बोध होता है, बहुव्रीहि समास कहलाता है।

महात्मा = महान् आत्मा है जिसकी,
नीलकण्ठ = नीला कण्ठ है जिनका अर्थात् शिवजी।

द्वन्द्व   जिस समास में दोनों पद प्रधान एवं एक दूसरे के विलोम या विलोम जैसे हों तो उसे द्वंद्व समास कहते हैं।

माता-पिता = माता और पिता, 

राम-कृष्ण = राम और कृष्ण

तत्पुरुष  जिस समास में पूर्वपद गौण तथा उत्तरपद प्रधान हो, तत्पुरुष समास कहलाता है। मतदाता = मत को देने वाला
गिरहकट = गिरह को काटने वाला

'आजीवन' में समास है

  1. तत्पुरुष
  2. अव्ययीभाव
  3. द्वंद
  4. कर्मधारय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अव्ययीभाव

अव्ययीभाव समास Question 13 Detailed Solution

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सही उत्तर 'अव्ययीभाव' समास है। 

Key Points

  • 'आजीवन' में अव्ययीभाव समास है।
  • इसका समास विग्रह 'जीवन भर' है। इसका पहला पद अव्यय है।

समास

परिभाषा

उदाहरण

अव्ययीभाव समास

जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो।

जैसे – जन्म से लेकर = आजन्म, मति के अनुसार = यथामति।

 Additional Information

समास

परिभाषा

उदाहरण

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

जैसे – धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

द्वंद्व समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो।

जैसे – अन्न और जल = अन्न-जल, अपना और पराया = अपना-पराया।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो।

कमल के समान नयन = कमलनयन, चन्द्र जैसे मुख = चंद्रमुख आदि।

'घनश्याम' में कौन - सा समास है?

  1. द्वन्द्व
  2. अव्ययीभाव
  3. बहुव्रीहि
  4. कर्मधारय

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Option 3 : बहुव्रीहि

अव्ययीभाव समास Question 14 Detailed Solution

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'घनश्याम' में बहुव्रीहि समास है। 

  • 'घनश्याम' का समास विग्रह करने पर 'घन के समान श्याम,घन-सा श्याम है जो वह-श्रीकृष्ण' होगा।
  • इसमें 'कृष्ण' सांकेतिक अर्थ इंगित किए जाने के कारण 'बहुव्रीहि समास' है।

Important Points

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास 

परिभाषा

उदाहरण

तत्पुरुष 

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि 

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय 

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। 

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु 

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

निम्न विकल्पों में से उस विकल्प का चयन कीजिए जो दिए गए समस्तपद के सही अव्ययीभाव समास का विकल्प है।

यथासाध्य

  1. यथा का साध्य
  2. न साधने योग्य
  3. जितना साधा जा सके
  4. साधने के लिए 

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Option 3 : जितना साधा जा सके

अव्ययीभाव समास Question 15 Detailed Solution

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जितना साधा जा सके,यथासाध्य  का  सही अव्ययीभाव समास का विकल्प है।  Key Pointsयथासाध्य

  •  जितना साधा जा सके।
  • यह अव्ययीभाव समास है।
  • जिस समास का पहला पद प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।

अव्ययीभाव समास की परिभाषा

  • इस समास का पहला पद प्रधान होता है और समस्तपद वाक्य में क्रियाविशेषण  का काम करता है।

इसी कारण से अव्ययीभाव का समस्तपद सदा लिंग, वचन और विभक्तिहीन रहता है, इसके दोनों पदों का स्वतंत्र रूप से पृथक् प्रयोग नहीं होता; क्योंकि यह प्रायः नित्य समास' होता है।Additional Information

अव्ययीभाव समास के कुछ अन्य उदाहरण :

  • प्रतिदिन – दिन दिन
  • यथामती – मती के अनुसार
  • आजन्म – जन्म से लेकर
  • यथाबल – बल के अनुसार
  • ऊपर उदाहरण में आप स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि  प्रथम पद यथा प्रति इत्यादि आ रहे हैं और यहां पर शब्दों का समास होने पर “से और के” इत्यादि चिन्हों का लोप हो रहा है।

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