अन्य निबन्ध तथ्य MCQ Quiz - Objective Question with Answer for अन्य निबन्ध तथ्य - Download Free PDF

Last updated on Jun 26, 2025

Latest अन्य निबन्ध तथ्य MCQ Objective Questions

अन्य निबन्ध तथ्य Question 1:

निम्नलिखित निबन्ध को निबन्धकार के साथ मिलाएँ:

A.  पगडंडियों का जमाना 1. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
B. रसात्मक बोध के विविध रूप 2. गुलाब राय
C. मेरे राम का मुकुट भीग रहा है 3. विद्यानिवास मिश्र
D. विवाह योग 4. हरिशंकर परसाई

  1. A - 4, B - 3, C - 1, D - 2
  2. A - 3, B - 2, C - 4, D - 1
  3. A - 1, B - 4, C - 2, D - 3
  4. A - 4, B - 1, C - 3, D - 2
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : A - 4, B - 1, C - 3, D - 2

अन्य निबन्ध तथ्य Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर है - 'A - 4, B - 1, C - 3, D - 2' l इस क्रम में मिलान करने पर हमें सही उत्तर मिलेंगे lKey Points

  • सही निबंध तथा निबंधकार इस प्रकार हैं :-
    • पगडंडियों का जमाना - हरिशंकर परसाई l
    • रसात्मक बोध के विविध रूप - आचार्य रामचंद्र शुक्ल l
    • मेरे राम का मुकुट भीग रहा है - विद्यानिवास मिश्र l
    • विवाह योग - गुलाब राय l

Additional Information

  • 'पगडंडियों का ज़माना' शीर्षक निबन्ध, जिसके आधार पर पूरी पुस्तक का नामकरण किया गया है, आज के इस ज्वलन्त सत्य को उद्घाटित करता है कि सभी लोग किसी-न-किसी तरह 'शॉर्टकट' के चक्कर में हैं।
  • 'रसात्मक बोध के विविध रूप' की मूल भावना है - सौन्दर्य, माधुर्य्य, विचित्रता, भीषणता, क्रूरता इत्यादि की भावनाएँ बाहरी रूपों और व्यापारों से ही निष्पन्न हुई हैं।
  • 'मेरे राम का मुकुट भीग रहा है' - लेखक रात के अंधेरे में अपने घर के लोगों की प्रतीक्षा करते-करते राम के बारे में सोचने लगता है।
  • विवाह योग - साहित्यिक निबंध का एक अनूठा उदाहरण l

अन्य निबन्ध तथ्य Question 2:

'संस्कृति के चार अध्याय' किसकी रचना है? 

  1. श्याम नारायण पांडेय
  2. सुभद्राकुमारी चौहान
  3. रामधारी सिंह 'दिनकर' 
  4. जयशंकर प्रसाद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : रामधारी सिंह 'दिनकर' 

अन्य निबन्ध तथ्य Question 2 Detailed Solution

'संस्कृति के चार अध्याय' रचना है - रामधारी सिंह 'दिनकर'

Key Pointsसंस्कृति के चार अध्याय -

  • रचनाकार - रामधारी सिंह दिनकर
  • प्रकाशनवर्ष - 1956 ई.
  • पुरस्कार - साहित्य अकादमी पुरस्कार (1959 ई.)। 
  • मुख्य -
    • यह विचारोंतेजक पुस्तक भारत के संपूर्ण इतिहास को चार खंडो में बाटकर भारतीय संस्कृति को समझने का सार्थक प्रयास है। 
    • यह चार अध्यायों में विभक्त है -
      • भारतीय जनता की रचना और हिंदू संस्कृति का अविर्भाव ( तीन प्रकरण )। 
      • प्राचीनतम हिंदूत्व से विद्रोह ( सात प्रकरण )। 
      • हिंदू संस्कृति और इस्लाम (बारह प्रकरण)। 
      • भारतीय संस्कृति और यूरोपीय ( सतरह प्रकरण)। 
  • यह पुस्तक भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को समर्पित है। 
  • तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसकी भूमिका लिखी थी। 
  • इस पुस्तक में दिन करने भारतीय संस्कृति के उन पड़ाव का जिक्र किया है जिन्होंने भारतीय संस्कृति के रूप निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 
  • वे ऐसे चार सोपान मानते हैं। 
    • आर्य आगमन
    • जैन /बौद्ध आंदोलन
    • इस्लाम का आगमन
    • यूरोप का आगमन 
  • दिनकर पुस्तक को साहित्य और दर्शन का महल कहते हैं जहां इतिहास की हैसियत किराएदार की है। 
Important Points

रामधारी सिंह दिनकर-

  • जन्म- 1908 - 1974 ई.
  • रचनाएं -
    • मिट्टी की और (1946 ई.)
    • अर्धनारीश्वर (1952 ई.)
    • रेती के फूल (1954 ई.)
    • हमारी संस्कृतिक एकता (1956 ई.)
    • वेणुवन (1958 ई.)
    • राष्ट्रभाषा और राष्ट्रीय एकता (1958 ई.)
    • बट पीपल (1961 ई.)
    • साहित्य मुखी (1968 ई.)
    • आधुनिकता बोध (1973 ई.)

Additional Informationसुभद्रा कुमारी चौहान-

  • जन्म- 1904 - 1948 ईo 
  • कहानी संग्रह- 
    • बिखरे मोती (1932)
    • उन्मादिनी (1934)
    • सीधे साधे चित्र (1947)
  • कविता संग्रह-  
    • मुकुल (1930)
    • त्रिधारा (1930)

जयशंकर प्रसाद-

  • जन्म-1889-1937 ई. 
  • बाल्य नाम-झारखंडी 
  • छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • उर्वशी(1909 ई.)
    • वन मिलन(1909 ई.)
    • कानन कुसुम(1913 ई.)
    • प्रेमपथिक(1913 ई.)
    • चित्राधार(1918 ई.)
    • झरना(1918 ई.)
    • आँसू(1925 ई.) आदि।

श्याम नारायण पाण्डेय-

  • जन्म- 1907 - 1991 ई. 
  • वीर रस के सुविख्यात हिन्दी कवि थे।
  • वह केवल कवि ही नहीं अपितु अपनी ओजस्वी वाणी में वीर रस काव्य के अनन्यतम प्रस्तोता भी थे। 
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • 'हल्दी घाटी' (1937-39 ई.)
    • 'जौहर' (1939-44 ई.)
    • 'तुमुल' (1948 ई.) - यह पुस्तक 'त्रेता के दो वीर' नामक खण्ड-काव्य का ही परिवर्धित संस्करण है।
    • 'रूपांतर' (1948 ई.)
    • 'आरती' (1945-46 ई.)
    • 'जय हनुमान' (1956 ई.) उनकी प्रमुख प्रकाशित काव्य पुस्तकें हैं।
    • 'माधव', 'रिमझिम', 'आँसू के कण', और 'गोरा वध' उनकी प्रारम्भिक लघु कृतियाँ हैं।
    • 'परशुराम' अप्रकाशित काव्य है तथा 'वीर सुभाष' रचनाधीन ग्रंथ है।

अन्य निबन्ध तथ्य Question 3:

'क्या निराश हआ जाए' कविता में कवि का मान क्यों बैठ जाता है?

  1. समाचार पत्रों में ठगी
  2. चोरी, डकेती, तस्करी
  3. भ्रष्टाचार, आरोप-प्रात्योरोप
  4. उपर्युक्त सभी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : उपर्युक्त सभी

अन्य निबन्ध तथ्य Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है- उपर्युक्त सभी

Key Pointsक्या निराश हआ जाए-

  • रचनाकार- हजारीप्रसाद द्विवेदी 
  • विधा- निबंध 
  • विषय-
    • समाज में व्याप्त बुराइयों के बीच आशा और सकारात्मकता बनाए रखना है।
    • हजारी प्रसाद द्विवेदी ने इस निबंध के माध्यम से यह बताया है कि कैसे भ्रष्टाचार, बेईमानी और अविश्वास जैसी समस्याएँ समाज में फैली हुई हैं, जो लोगों को निराश कर सकती हैं।

Important Pointsआचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी- 

  • जन्म- 1907 - 1979 ईo
  • हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। 
  • निबंध संग्रह- 
    • अशोक के फूल (1948)
    • कल्पलता (1951)
    • मध्यकालीन धर्म साधना (1952)
    • विचार और वितर्क (1957)
    • विचार प्रवाह (1959)
    • कुटज (1964)
    • साहित्य सहचर (1965)
    • आलोक पर्व (1972) आदि। 

अन्य निबन्ध तथ्य Question 4:

सूची I के साथ सूची II का मिलान कीजिए

सूची I

लेखक

सूची II

निबंध

A.

नामवर सिंह

I.

पवित्रता

B.

कुबेरनाथ राय

II.

काव्य में प्राकृतिक दृश्य

C.

सरदार पूर्ण सिंह

III.

बकलम खुद

D.

रामचन्द्र शुक्ल

IV.

रस आखेटक

 

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए

  1. A - III, B - I, C - IV, D - II
  2. A - III, B - IV, C - I, D - II
  3. A - II, B - III, C - I, D - IV
  4. A - II, B - IV, C - I, D - III

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : A - III, B - IV, C - I, D - II

अन्य निबन्ध तथ्य Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर है- A - III, B - IV, C - I, D - II

Key Points

डॉ. नामवर सिंह

(1926−2019)

बकलम खुद (1951), वाद विवाद संवाद (1989)

कुबेरनाथ राय

(1933-1996)

प्रिया नीलकण्ठी (1968), रस आखेटक (1970), गंधमादन (1972), विषाद योग (1973), निषाद बाँसुरी (1974), पर्ण मुकुट (1978), महाकवि की तर्जनी (1979), कामधेनु (1980), पत्र मणिपुतुल के नाम (1980), मन पवन की नौका (1982), किरात नदी में चंद्र मधु (1983), दृष्टि अभिसार (1984), त्रेता का वृहद मास (1986), मराल (1993), उत्तरकुरु (1994), वाणी का क्षीर सागर (1998), अन्धकार में अग्नि शिखा (1998), आगम की नाव (2002), उत्तराफाल्गुनी के आस पास

अध्यापक पूर्ण सिंह (1881-1931 ई.)

आचरण की सभ्यता, मजदूरी और प्रेम, सच्ची वीरता, पवित्रता, कन्यादान, अमेरिका का मस्त कवि वाल्ट ह्विटमैन, नयनों की गंगा, ब्रह्मकाति।

आचार्य रामचंद्र शुक्ल (1884-1941)

चिंतामणि ( भाग एक)- भाव या मनोविकार, उत्साह, श्रद्धा-भक्ति, करुणा, लज्जा और ग्लानि, लोभ और प्रीति, घृणा, ईर्ष्या, भय, क्रोध, कविता क्या है? भारतेंदु हरिश्चंद्र तुलसी का भक्तिमार्ग, मानस की धर्मभूमि काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था साधारणीकरण और व्यक्ति-वैचित्र्यवाद रसात्मक बोध के विविध रूप।

चिंतामणि ( भाग दो )- काव्य में प्राकृतिक दृश्य, काव्य में रहस्यवाद, काव्य में अभिव्यंजनावाद।

अन्य निबन्ध तथ्य Question 5:

निम्नलिखित निबंधों का उनके प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही आरोही क्रम क्या है?

A. दिल्ली दरबार दर्पण 

B. मजदूरी और प्रेम

C. कविता क्या है?

D. कल्पलता

E. मेरे राम का मुकुट भीग रहा है

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. A, C, D, B, E
  2. A, B, C, D, E
  3. A, C, B, D, E
  4. B, C, D, E, A

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : A, C, B, D, E

अन्य निबन्ध तथ्य Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है- A, C, B, D, E

Key Points

क्रम  निबंध प्रकाशन वर्ष 
A.  दिल्ली दरबार दर्पण (1877)
C.  कविता क्या है?  (1909)
B.  मजदूरी और प्रेम  (1912)
D.  कल्पलता  (1951)
E.  मेरे राम का मुकुट भीग रहा है  (1974)

Additional Information दिल्ली दरबार दर्पण-

  • रचनाकार - भारतेंदु हरिश्चंद्र जी
  • विधा - निबंध
  • प्रकाशन वर्ष - 1877 ई.
  • विषय - 
    • इस निबंध में भारतेंदु की राज भक्ति और देशभक्ति की मिश्रित भावना देखी जाती है।
  • अन्य निबंध - 
    • रामायण का समय, मणिकर्णिका, कश्मीर कुसुम, बादशाह दर्पण, वैष्णवता और भारतवर्ष, एक अद्भुत अपूर्व स्वप्न आदि।

कविता क्या है? -

  • रचनाकार - आचार्य रामचन्द्र शुक्ल 
  • विधा - निबंध
  • प्रकाशन वर्ष - 1909 ई.
  • विषय -
    •  इस निबंध के माध्यम से शुक्ल जी ने अपनी काव्यशास्त्रीय मान्यताएँ प्रस्तुत की है, जिसमें भाषा संदर्भ महत्त्वपूर्ण है। 
  • निबन्धात्मक ग्रन्थ - चिंतामणि

मजदूरी और प्रेम-

  • रचनाकार - सरदार पूर्णसिंह 
  • विधा - निबंध
  • प्रकाशन वर्ष - 1912 ई.
  • विषय -
    • इसमें किसान तथा श्रमिकों को ईश्वर का सच्चा प्रतिनिधि बताया गया है तथा श्रम की महत्ता प्रतिपादित की गई है।
  • अन्य निबंध - 
    • ‘सच्ची वीरता’ (1909), ‘कन्यादान’ (1909), ‘पवित्रता’ (1910), ‘आचरण की सभ्यता’ (1912), अमेरिका का मस्ताना योगी वाल्ट हिवट मैंन (1913)।

कल्पलता -

  • रचनाकार - हजारी प्रसाद द्विवेदी 
  • विधा - निबंध
  • प्रकाशन वर्ष - 1951 ई.
  • विषय -
    • इसमें किसान तथा श्रमिकों को ईश्वर का सच्चा प्रतिनिधि बताया गया है तथा श्रम की महत्ता प्रतिपादित की गई है।
  • अन्य निबंध - इस निबंध संग्रह में कुल 20 निबंध संकलित है। 

मेरे राम का मुकुट भीग रहा है -

  • रचनाकार - विद्यानिवास मिश्र
  • विधा - निबंध
  • प्रकाशन वर्ष - 1974 ई. 
  • विषय - 
    • यह एक ललित निबंध ग्रंथ है।
    • इस निबंध के माध्यम से लेखक की संवेदना द्वारा लोकतंत्र वेदना का सजीव चित्रण हुआ है ।
  • अन्य निबंध -
    • ‘छितवन की छाँह' (1976), ‘तुम चन्‍दन हम पानी', ‘आंगन का पंछी और बनजार मन', ‘कदम की फूली डाल'।

Top अन्य निबन्ध तथ्य MCQ Objective Questions

विचारात्मक निबंधों की शैली होती है:

  1. धारा शैली
  2. व्यास शैली
  3. तरंग शैली
  4. समास शैली

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : धारा शैली

अन्य निबन्ध तथ्य Question 6 Detailed Solution

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  • विचारात्मक निबंधो की शैली 'धारा शैली'की होती है। अतः 'धारा शैली' संगत विकल्प होगा।अन्य सभी विकल्प असंगत है।
  • Key Points 
    • निबंध शब्द ‘नि+बंध’ से बना है, जिसका अर्थ है अच्छी तरह से बँधा हुआ।
    • इनकी भाषा विषय के अनुकूल होती है। निबंध की शक्ति है अच्छी भाषा।
    • भाषा के अच्छे प्रयोग द्वारा ही भावों विचारों और अनुभवों को प्रभावशाली ढंग से व्यक्त किया जा सकता है।

    Additional Information
    निबंध की प्रमुख परिभाषाएं:

    1. बाबू गुलाबराय ने निबंध की परिभाषा में अनेक तत्त्वों का सम्मिश्रण करते हुए कहा है- ‘‘निबंध उस गद्य-रचना को कहते हैं, जिसमें एक सीमित आकार के भीतर किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन एक विशेष निजीपन, स्वच्छंदता, सौष्ठव और सजीवता तथा आवश्यक संगति और सम्बद्धता के साथ किया गया हो।’’ 
    2. आचार्य शुक्ल के अनुसार-’’यदि गद्य कवियों को कसौटी है, तो निबंध गद्य की।’’ 
    3. पं.श्यामसुंदर दास-’’निबंध वह लेख है जिसमें किसी गहन विषय पर विस्तारपूर्वक और पाण्डित्यपूर्व ढंग से विचार किया गया हो।’’ 
    4. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल निबंध के रहस्य को उद्घाटित करते हुए कहते हैं- ‘‘यदि गद्य कवियों या लेखकों की कसौटी है, तो निबंध गद्य की कसौटी है। भाषा की पूर्ण शक्ति का विकास निबंध में ही सबसे अधिक सम्भव होता है।’’

प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित निबन्ध-संग्रहों का सही अनुक्रम है:

  1. कला का जोखिम, आस्था और सौन्दर्य, श्रृंखला की कडियां, अशोक के फूल
  2. अशोक के फूल, श्रृंखला की कडियां, आस्था और सौन्दर्य, कला का जोखिम
  3. श्रृंखला की कडियां, अशोक के फूल, आस्था और सौन्दर्य, ​कला का जोखिम
  4. आस्था और सौन्दर्य, ​कला का जोखिम, अशोक के फूल, श्रृंखला की कडियां

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : श्रृंखला की कडियां, अशोक के फूल, आस्था और सौन्दर्य, ​कला का जोखिम

अन्य निबन्ध तथ्य Question 7 Detailed Solution

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निबंध संग्रह का अनुक्रम "श्रृंखला की कड़ियां, अशोक के फूल, आस्था और सौंदर्य, कला का जोखिम" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।Key Points

निबंध

रचना वर्ष

निबंधकार

श्रृंखला की कड़ियां

1942

महादेवी वर्मा

अशोक के फूल

1948

हजारी प्रसाद द्विवेदी

आस्था और सौंदर्य

1961

रामविलास शर्मा

कला का जोखिम

1981

निर्मल वर्मा

Additional Information
  • महादेवी वर्मा के निबंध :-
    • श्रृंखला की कड़ियां (1942), शारदा (1957), साहित्यकार की आस्था (1964), संभाषण (1975), भारतीय संस्कृति के स्वर (1984), संकल्पिता (1968) विवेचनात्मक गद्य
  • हजारी प्रसाद द्विवेदी :-
    • हजारी प्रसाद द्विवेदी ने निबंध को व्यक्ति की स्वाधीन चिंता की उपज कहा है।
    • हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबंध संग्रह:-
      • अशोक के फूल (1948), कल्प लता (1951), मध्यकालीन धर्म साधना (1952), विचार और वितर्क (1957), विचार प्रवाह (1959), कुटज (1964), साहित्य सहचर (1965), आलोक पर्व (1972)
  • निर्मल वर्मा के निबन्ध:- 
    • चीड़ों पर चाँदनी (1964), हर बारिश में (1970), शब्द और स्मृति (1976), कला का जोखिम (1981), ढलान से उतरते हुए (1985), भारत एयर यूरोप प्रतिश्रुति के क्षेत्र में(1991), शताब्दी के ढलते वर्षों में(1995), दूसरे शब्दों में(1997), आदि अंत और आरम्भ(2001)
  • रामविलास शर्मा के निबंध :-
    • प्रगति और परंपरा (1949), साहित्य और संस्कृति (1949), प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ (1954), परम्परा का मूल्यांकन (1981), भाषा, युगबोध और कविता (1981), कथा विवेचना और गद्यशिल्प (1982)

निम्नलिखित में से कौन - सी निबन्ध की तात्विक विशेषता नहीं है।

  1. अन्विति
  2. विचारात्मकता
  3. संवादात्मकता
  4. आत्मव्यंजकता

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : संवादात्मकता

अन्य निबन्ध तथ्य Question 8 Detailed Solution

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संवादात्मकता- निबन्ध की तात्विक विशेषता नहीं है।

Key Points

  • संवादात्मकता से तात्पर्य है-संवाद संबंधी।जिस्मे संवाद को प्रधान्य प्राप्त हो।अतः निबन्धों की विशेषता में इसे शामिल नही किया जाता।
  • तात्विक का अर्थ है- तत्व संबंधी, जब किसी रचना को लिखा जाता है तो उसमें यथार्थ को सबसे ऊपर रखा जाता है।
  • निबन्ध-निबन्ध सहज,सरल और आडम्बरहीन ढंग से व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति है।
  • रामचन्द्र शुक्ल-" निबंध लेखक अपने मन की प्रवृत्ति के अनुसार स्वच्छंद गति से इधर-उधर फूटी हुई सूत्र शाखाओं पर विचरता चलता है। यही उसकी अर्थ सम्बन्धी व्यक्तिगत विशेषता है। अर्थ-संबंध-सूत्रों की टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएँ ही भिन्न-भिन्न लेखकों के दृष्टि-पथ को निर्दिष्ट करती हैं। एक ही बात को लेकर किसी का मन किसी सम्बन्ध-सूत्र पर दौड़ता है, किसी का किसी पर। इसी का नाम है एक ही बात को भिन्न दृष्टियों से देखना। व्यक्तिगत विशेषता का मूल आधार यही है।
  • हजारीप्रसाद द्विवेदी-"नए युग में जिन नवीन ढंग के निबंधों का प्रचलन हुआ है वे व्यक्ति की स्वाधीन चिन्ता की उपज है।"

Additional Information

  • हिंदी के प्रमुख निबन्धकार-भारतेंदु हरिश्चंद्र,प्रतापनारायण मिश्र,बालकृष्ण भट्ट,बालमुकुंद गुप्त,सरदार पूर्ण सिंह आदि।
  • फ्रेंच विद्वान मानतेन को यूरोपीय निबन्ध का जनक माना जाता है।
  • लॉर्ड बेकन को अंग्रेजी साहित्य का पहला निबंधकार माना जाता है।
  • हिंदी निबंध की शुरुआत 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध से मानी जाती है।हिंदी के प्रारंभिक निबंधों को आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने 'गद्य प्रबंध' कहा।

'जितनी सफलता भारतेन्दु युग के लेखकों को निबंध - रचना में मिली उतनी कविता और नाटक में नहीं मिली ? - यह कथन किसका है ?

  1. रामचंद्र शुक्ल 
  2. हजारीप्रसाद द्विवेदी 
  3. रामविलास शर्मा 
  4. नंद दुलारे वाजपेयी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : रामविलास शर्मा 

अन्य निबन्ध तथ्य Question 9 Detailed Solution

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'जितनी सफलता भारतेंदु युग के लेखकों को निबंध - रचना में मिली उतनी कविता और नाटक में नहीं मिली यह कथन रामविलास शर्मा का है।

  • रामविलास शर्मा एक मार्क्सवादी आलोचक हैं।

Key Points

  •  रामविलास शर्मा ने साम्यवादी आदर्श को हिंदी में जातीय सन्दर्भ में स्थापित करने का प्रयास किया। 
  • उनकी आलोचना का काल 1938 ई. से शुरू होकर 2000 ई. तक रहा है।​

Important Points

  • हिंदी साहित्य में राष्ट्रीय और जनवादी तत्वों को प्रतिष्ठित करने के कारण रामविलास शर्मा ने भारतेंदु मंडल, विशेषतः भारतेंदु की प्रशंसा की है।
  • 'प्रेमचंद' और 'प्रेमचंद और उनका युग' रामविलास शर्मा की महत्वपूर्ण आलोचनात्मक कृतियाँ हैं।

प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित निबंध संग्रहों का सही क्रम है -

A. अदि अंत और आरंभ

B. शिरीष की याद आई

C. रेती के फूल

D. त्रिशंकु

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:

  1. C, B, A, D
  2. B, C, D, A
  3. A, B, C, D
  4. D, C, B, A

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : D, C, B, A

अन्य निबन्ध तथ्य Question 10 Detailed Solution

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  • सही उत्तर विकल्प 4 होगा।
  • DCBA

  • Key Points
    • त्रिशंकु - 1945 - अज्ञेय
    • रेती के फूल - 1954 - रामधारी सिंह दिनकर
    • शिरीष की याद आई - 1995 - विद्या निवास मिश्र
    • आदि, अंत और आरम्भ - 2001 - निर्मल वर्मा

    Important Points
    • विद्या निवास मिश्र का प्रथम निबंध संग्रह - छितवन की छांह - 1953
    • इनके अन्य महत्वपूर्ण निबंध -
    1. तुम चंदन हम पानी - 1957
    2. मेरे राम का मुकुट भीग रहा है - 1974
    3. तमाल के झरोखे से - 1981
    4. नदी नारी और संस्कृति - 1993
    5. बूंद मिले सागर में - 1994
    6. पीपल के बहाने - 1994
    7. कितने मोर्चे - 2007
    8. साहित्य के सरोकार - 2007

     

    • अज्ञेय के प्रमुख निबंध -
    1. सब रंग और कुछ राग - 1956
    2. आत्मनेपद - 1960
    3. लिखी कागद कोरे - 1972
    4. अद्यतन - 1977
    5. धार और किनारे - 1982
    6. केंद्र और परिधि - 1984
    7. सर्जना और संदर्भ - 1985
    8. संवत्सर
    9. भवंती

     

    • रामधारी सिंह दिनकर के प्रमुख निबंध -
    1. मिट्टी की ओर - 1946
    2. अर्द्धनारीश्वर - 1952
    3. हमारी सांस्कृतिक एकता - 1956
    4. वेणुवन - 1958
    5. धर्म नैतिकता और विज्ञान - 1959
    6. वट पीपल - 1961
    7. साहित्य मुखी - 1968
    8. आधुनिकता बोध - 1973

     

    • निर्मल वर्मा के प्रमुख निबंध -
    1. चीडों पर चांदनी - 1964
    2. शब्द और स्मृति - 1976
    3. कला का जोखिम - 1981
    4. ढलान से उतरते हुए - 1985
    5. दूसरे शब्दों में - 1997
    6. आदि अंत और आरम्भ - 2001

    Additional Information

    • अज्ञेय ने कुट्टीचाटन उपनाम से ' सब रंग और कुछ राग ' निबंध संग्रह की रचना की।
    • विद्यानिवास मिश्र ' भ्रमरा नंद ' उपनाम श्रीनारायण चतुर्वेदी को पत्र लिखते थे।
    • निर्मल वर्मा साहित्य अकादमी, भारतीय ज्ञानपीठ और पद्म भूषण से सम्मानित लेखक हैं।
    • संस्कृति पर रामधारी सिंह दिनकर का कार्य अतुलनीय है।

सूची - I के साथ सूची - II का मिलान कीजिये - 

  सूची - I      सूची - II
(A) होली है    (I) हजारीप्रसाद द्विवेदी
(B) पीछे मत फेंकिये    (II) विद्यानिवास मिश्र
(C) मेरी जन्मभूमि   (III) प्रतापनारायण मिश्र
(D) परंपरा बंधन नहीं    (IV) बालकृष्ण भट्ट 

 

नीचे दिये गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिये -

  1. (A) - (I), (B) - (IV), (C) - (II), (D) - (III)
  2. (A) - (IV), (B) - (II), (C) - (III), (D) - (I)
  3. (A) - (III), (B) - (IV), (C) - (I), (D) - (II)
  4. (A) - (II), (B) - (III), (C) - (I), (D) - (IV)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : (A) - (III), (B) - (IV), (C) - (I), (D) - (II)

अन्य निबन्ध तथ्य Question 11 Detailed Solution

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विकल्प 3 (A-III, B-IV, C-I ,D-II) सही है।Key Points

होली है :- प्रताप नारायण मिश्र

पीछे मत फेंकिए :- बालकृष्ण भट्ट

मेरी जन्मभूमि :- हजारी प्रसाद द्विवेदी

परंपरा बंधन नहीं :- विद्यानिवास मिश्र

Additional Information

हजारी प्रसाद द्विवेदी

  • निबन्ध संग्रह
  • अशोक के फूल (1948), कल्‍पलता (1951), मध्यकालीन धर्मसाधना (1952), विचार और वितर्क (1957), विचार-प्रवाह (1959), कुटज (1964), आलोक पर्व (1972),साहित्य अकादमी पुरुस्कार
  • कुछ निबन्ध
  • विश के दन्त, कल्पतरु, गतिशील चिंतन, साहित्य सहचर, नाखून क्यों बढ़ते हैैं, अशोक के फूल, देवदारू, बसंत आ गया, वर्षा घनपति से घनश्याम तक, मेरी जन्मभूमि, घर जोड़ने की माया।

विद्या निवास मिश्र

  • ललित निबंध
  • तुम चंदन हम पानी,(1957), वसंत आ गया पर कोई उत्कंठा नहीं, (1972)
  • छितवन की छाँह (1976),आंगन का पंछी और बनजार मन, कदम की फूली डाल

प्रताप नारायण मिश्र

  • निबंध संग्रह
  • निबंध नवनीत, प्रताप पीयूष, प्रताप समीक्षा।

बालकृष्ण भट्ट

  • निबन्ध संग्रह 
  • साहित्य सुमन
  • भट्ट निबंधमाला
  • आत्मनिर्भरता (1893)
  • भट्ट जी के प्रमुख निबंध हैं- ‘चंद्रोदय’, ‘एक अनोखा स्वप्न’, ‘प्रेम के बाग का सैलानी’, ‘साहित्य जन समूह के हृदय का विकास है’ आदि।

निम्नलिखित निबंध संग्रहों का प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही क्रम है -

A. कला का जोखिम

B. ठेले पर हिमालय

C. प्रगतिशील साहित्य की समस्याएं

D. गंधमादन

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए

  1. A, B, C, D
  2. B, C, D, A
  3. C, D, A, B
  4. C, B, D, A

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : C, B, D, A

अन्य निबन्ध तथ्य Question 12 Detailed Solution

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निबंध संग्रहों का प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही क्रम है-4) C,B,D,AImportant Points

       निबंध

     निबंधकार

 प्रकाशन वर्ष

प्रगतिशील साहित्य की समस्याएं

 रामविलास शर्मा

 1954

ठेले पर हिमालय

 धर्मवीर भारती

 1958

गंधमादन

 कुबेरनाथ राय

 1972

कला का जोखिम

 निर्मल वर्मा

 1981

 

 

 

 

 

 

Additional Information

  • आचार्य रामचंद्र शुक्ल के बाद डॉ॰रामविलास शर्मा ही एक ऐसे आलोचक के रूप में स्थापित होते हैं,जो भाषा,साहित्य और समाज को एक साथ रखकर मूल्यांकन करते हैं।
  • डॉ॰रामविलास शर्मा के साहित्यिक जीवन का आरंभ 1934 से होता है जब वह सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला के संपर्क में आये।
  • धर्मवीर भारती ने साम्यवाद से मोहभंग के बाद 'प्रगतिवाद:एक समीक्षा' नामक पुस्तक लिखी।
  • निर्मल वर्मा को सन 2002 में भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
  • कुबेरनाथ राय हिंदी ललित निबंध परम्परा के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर,सांस्कृतिक निबन्धकार और भारतीय आर्ष-चिन्तन के गन्धमादन थे।
  • गंधमादन के लिए कुबेरनाथ राय को भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया 

किस प्रकार के निबंधों में समास शैली प्रयुक्त होती है?

  1. विवरणात्मक
  2. विचारात्मक
  3. भावात्मक
  4. वर्णनात्मक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विचारात्मक

अन्य निबन्ध तथ्य Question 13 Detailed Solution

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विचारात्मक निबंधों में समास शैली प्रयुक्त होती है

Key Points

  • समास शैली-इस निबंध शैली में निबंधकार कम से कम शब्दों में अधिक-से-अधिक विषय का प्रतिपादन करता है।
  • इसके वाक्य सुगठित और कसे हुए होते हैं। गंभीर विषयों के लिए इस शैली का प्रयोग किया जाता है।

Important Points 

विवरणात्मक निबंध-

  • विवरण से आशय है ब्यौरा, मसविदा आदि।
  • विवरण शैली से आशय है - किसी घटना, वस्तु, व्यक्ति, स्थान अथवा विषय-वस्तु का यथावत हूबहू प्रस्तुति
  • इस कथन शैली में वक्ता या लेखक द्वारा वर्णित घटना या विषय की प्रस्तुति ही प्रमुख होती है, वह जैसा देखता या सुनता है वैसा ही वर्णन करता है।

भावात्मक निबंध-

  • इसमे व्यक्तिगत और सामाजिक अनुभवो को भावपूर्ण ढंग से लिखा जाए तो यह निबंध विचार प्रधान न रहकर भावात्मक निबन्ध की श्रेणी में आते है।

वर्णात्मक निबन्ध-

  • यात्रा वर्णन ,किसी घटना का वर्णन आदि से सम्बंधित विचार इसी श्रेणी में आते है।

Additional Information

  • निबन्ध गद्य लेखन की एक विधा है। 
  • निबंध, लेखक के व्यक्तित्व को प्रकाशित करने वाली ललित गद्य-रचना है।

प्रमुख हिंदी निबंधकार:-

  • भारतेन्दु हरिश्चंद्र
  • प्रतापनारायण मिश्र
  • बालकृष्ण भट्ट
  • बालमुकुंद गुप्त
  • सरदार पूर्ण सिंह
  • महावीर प्रसाद द्विवेदी

निम्‍नलिखित निबंध संग्रहों को उनके लेखकों के साथ सुमेलित कीजिए:

सूची - 1

सूची – 2

A. आस्‍था और सौन्‍दर्य

I. अध्‍यापक पूर्ण सिंह

B. अनुसंधान और आलोचना

II. नामवर सिंह

C. आचरण की सभ्‍यता

III. नगेन्‍द्र

D. वाद विवाद संवाद

IV. रामविलास शर्मा

  1. A -IV, B - III, C - I, D - II
  2. A - I, B - II, C - III, D - IV
  3. A - II, B - III, C - IV, D - I
  4. A - III, B - IV, C - II, D - I

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : A -IV, B - III, C - I, D - II

अन्य निबन्ध तथ्य Question 14 Detailed Solution

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निबंध संग्रह और उनके लेखक-1) A-IV, B-III, C-I, D-II

Key Points

सूची - 1

सूची – 2

A. आस्‍था और सौन्‍दर्य

IV. रामविलास शर्मा

B. अनुसंधान और आलोचना

III. नगेन्‍द्र

C. आचरण की सभ्‍यता

I. अध्‍यापक पूर्ण सिंह

D. वाद विवाद संवाद

II. नामवर सिंह

 

 

 

 

 

 

Important Points

  • रामविलास शर्मा आधुनिक हिंदी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक,निबंधकार,विचारक एवं कवि थे।
  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के बाद रामविलास शर्मा ही एक ऐसे आलोचक के रूप में स्थापित होते हैं, जो भाषा,साहित्य और समाज को एक साथ रखकर मूल्यांकन करते हैं।
  • डॉ नगेन्द्र ने 'पाश्चात्य काव्यशास्त्र:सिद्धांत और वाद' नामक आलोचनात्मक कृति में अपनी सूक्ष्म विवेचन-क्षमता का परिचय भी दिया।
  • डॉ नगेन्द्र की तीन आलोचनात्मक कृतियाँ प्रकाशित हुईं-सुमित्रानंद पन्त(1938ई.),'साकेत-एक अध्ययन'(1939ई.) और 'आधुनिक हिंदी नाटक'(1940ई.)। 
  • अध्‍यापक पूर्णसिंह के केवल छह निबंध ही मिलते हैं।

Additional Information

  • वाद विवाद संवाद की रचना 1989 में हुई। 
  • रामविलास शर्मा का प्रथम आलोचनात्मक लेख 'निरालाजी की कविता' है जो चर्चित पत्रिका 'चाँद' में प्रकाशित हुई। 
  • नगेन्‍द्र जी की अन्य रचनायें-'विचार और विवेचन'(1944),'विचार और अनुभूति'(1949),'आधुनिक हिंदी कविता की मुख्य प्रवृत्तियाँ(1951),'विचार और विश्लेषण'(1955)'अरस्तू का काव्यशास्त्र'(1957),'अनुसंधान और आलोचना'(1961),'रस-सिद्धांत(1964)आदि हैं। 
  • नामवर सिंह की आलोचकीय ख्याति अपेक्षाकृत काव्य-आलोचना के क्षेत्र में अधिक रही। 

सूची - I के साथ सूची - II का मिलान कीजिये - 

  सूची - I      सूची - II
(A) चित्तौर का सर्वनाश    (I) विवेकी राय 
(B) बसंत    (II) विद्यानिवास मिश्र 
(C) जुलूस रुका है    (III) रूपनारायण पांडेय
(D) गांव का मन    (IV)

भारतेंदु हरिश्चन्द्र

नीचे दिये गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए - 

  1. (A) - (III), (B) - (IV), (C) - (I), (D) - (II)
  2. (A) - (I), (B) - (IIII), (C) - (IV), (D) - (II)
  3. (A) - (II), (B) - (I), (C) - (III), (D) - (IV)
  4. (A) - (IV), (B) - (I), (C) - (III), (D) - (II)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : (A) - (III), (B) - (IV), (C) - (I), (D) - (II)

अन्य निबन्ध तथ्य Question 15 Detailed Solution

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सूची - I के साथ सूची - II का सही मिलान है -(A)चित्तौर का सर्वनाश-रूपनारायण पांडेय,(B)बसंत -भारतेंदु हरीश्चन्द्र,(C)जुलूस रुका है-विवेकी राय,(D)गांव का मन-विद्यानिवास मिश्र |

Key Points

  • भारतेंदु ने ही हिंदी निबन्ध लेखन की शुरुआत की।
  • रूपनारायण पांडेय द्विवेदी युग के निबंधकार है।
  • विवेकी राय और विद्यानिवास मिश्र शुक्लोत्तर युग के निबन्धकार है।

Important Points

  • भारतेंदु के निबन्ध-कश्मीर कुसुम,बादशाह दर्पण,मणिकर्णिका,तदीय सर्वस्व,संगीत सार, बैजनाथ की यात्रा,बसंत,पाँचवे पैगम्बर आदि।
  • रूपनारायण पांडेय के निबन्ध-अनुदित-पतिव्रता,खान जहाँ,अचलयतन,उस पार आदि।
  • विद्यानिवास मिश्र के निबन्ध-छितवन की छाहँ(1953),हल्दी दूब(1955),तुम चन्दन हम पानी(1957),मेरे राम का मुकुट भीग रहा है(1984),गाँव का मन(1985)आदि।
  • विवेकी राय के निबन्ध-किसानों का देश(1956),त्रिधारा(1958),फिर बैतलवा डाल पर(1962),आम रास्ता नही है(1988)आदि।

Additional Information

  • विद्यानिवास मिश्र और विवेकी राय ललित निबन्धकार है।
  • ललित निबन्ध-इन निबन्धों में निबन्धकार अपने भावनात्मक व्यक्तित्व को इस रूप में प्रस्तुत करना चाहता है कि वह सरस्,अनुभूति-जन्य,आत्मीय और रोचक लगे।

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