इस लेख में, हम UPSC IAS परीक्षा के लिए उपचारात्मक याचिका (Curative Petition in Hindi) की प्रासंगिकता के महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
यौन उत्पीड़न की रोकथाम (POSH) के बारे में भी जानें!
Get UPSC Beginners Program SuperCoaching @ just
₹50000₹0
हरित कौशल विकास कार्यक्रम के बारे में भी पढ़ें!
क्यूरेटिव पिटीशन के दो उद्देश्य हैं:
नार्को परीक्षण के बारे में भी जानें!
सुप्रीम कोर्ट ने उपचारात्मक याचिकाओं पर विचार करने के लिए निम्नलिखित शर्तें स्थापित की हैं:
यह भी पढ़ें : अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ)
अनुच्छेद 137 के अनुसार संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि के या अनुच्छेद 145 के अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों के अधीन रहते हुए, उच्चतम न्यायालय को अपने द्वारा सुनाए गए निर्णय या दिए गए आदेश का पुनर्विलोकन करने की शक्ति होगी। |
अनुच्छेद 145 न्यायालय के नियम आदि से संबंधित है। |
उपचारात्मक याचिका | समीक्षा याचिका |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
निर्णय | विवरण |
रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा, 2002 |
|
नरेश श्रीधर मिराजकर बनाम महाराष्ट्र राज्य, 1966 |
|
प्रश्न: एक उपचारात्मक याचिका क्या है? उच्चतम न्यायालय के निर्णयों के आलोक में इसकी प्रासंगिकता का परीक्षण कीजिए।
टेस्टबुक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए व्यापक नोट्स का एक सेट प्रदान करता है। टेस्टबुक हमेशा अपने सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले उत्पादों जैसे लाइव टेस्ट, मॉक, कंटेंट पेज, जीके और करंट अफेयर्स वीडियो और बहुत कुछ के कारण सूची में सबसे ऊपर है। UPSC के लिए पर्यावरण भारत से अधिक विषयों का अध्ययन करने के लिए, अभी टेस्टबुक ऐप डाउनलोड करें!
यूपीएससी परीक्षा के लिए अन्य पॉलिटी नोट्स के लिए नीचे टेबल देखें: |
|
भारत में दल बदल विरोधी कानून | माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण (MWPSC) अधिनियम, 2007 |
भारतीय चाय बोर्ड (TBI) | ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय परिषद (NCTP) |
भारत में लोक अदालत | राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) |
Download the Testbook APP & Get Pass Pro Max FREE for 7 Days
Download the testbook app and unlock advanced analytics.