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नाटो शिखर सम्मेलन 2025: पूर्ण रूप, सदस्यों की सूची और प्रमुख तथ्य
IMPORTANT LINKS
पाठ्यक्रम |
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प्रारंभिक परीक्षा के लिए विषय |
नाटो, सामूहिक रक्षा तंत्र |
मुख्य परीक्षा के लिए विषय |
भारत की विदेश नीति, वैश्विक सुरक्षा नीतियों को आकार देने में नाटो शिखर सम्मेलनों का महत्व |
नाटो शिखर सम्मेलन | NATO Summit in Hindi
नाटो शिखर सम्मेलन सदस्य देशों के नेताओं की एक उच्च स्तरीय बैठक है। ये शिखर सम्मेलन आम तौर पर साल में एक या दो बार आयोजित किए जाते हैं, हालांकि ज़रूरत पड़ने पर इन्हें ज़्यादा बार आयोजित किया जा सकता है। इन शिखर सम्मेलनों का मुख्य उद्देश्य गठबंधन की रणनीतिक दिशा पर चर्चा करना और उसे निर्धारित करना, प्रमुख मुद्दों पर निर्णय लेना और रक्षा व्यय, साझेदारी, वैश्विक खतरों और सैन्य अभियानों जैसी मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना है।
अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उनके मुख्यालयों के बारे में यहां जानें !
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नाटो का गठन क्यों किया गया?
नाटो का गठन 4 अप्रैल, 1949 को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के जवाब में किया गया था। भले ही द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया था, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बिगड़ते संबंधों ने अंततः शीत युद्ध को जन्म दिया। सोवियत संघ का इरादा साम्यवाद का प्रसार करके यूरोप में अपने प्रभाव का विस्तार करना था, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका सोवियत संघ की विचारधारा को अपनी जीवन शैली के लिए खतरा मानता था।
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नाटो शिखर सम्मेलन 2025 | NATO Summit 2025 in Hindi
आगामी नाटो शिखर सम्मेलन 24 से 26 जून, 2025 तक नीदरलैंड के हेग में होगा। नीदरलैंड पहली बार नाटो शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा। रक्षा व्यय, यूक्रेन के लिए समर्थन और नाटो का भविष्य चर्चा के मुख्य विषय होंगे।
नाटो शिखर सम्मेलन 2025 के लिए मुख्य विषय
- रक्षा व्यय को सकल घरेलू उत्पाद के 5% तक बढ़ाना।
- यूक्रेन को अधिक सहायता प्रदान करना।
- नाटो की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना।
- नये सदस्य देशों पर चर्चा।
नाटो सदस्य 2025 | NATO Members 2025 in Hindi
अल्बानिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, कनाडा, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, मोंटेनेग्रो, नीदरलैंड, उत्तर मैसेडोनिया, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका।
7 मार्च 2024 को स्वीडन 32वां सदस्य बन गया।
नाटो शिखर सम्मेलन 2024: प्रमुख तथ्य
वाशिंगटन, डीसी ने 33वें नाटो शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की, जिसमें 9-11 जुलाई, 2024 को नाटो के 32 सदस्य देशों के प्रमुखों का स्वागत किया जाएगा। प्रमुख तथ्य देखें:
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नाटो शिखर सम्मेलन का इतिहास
पहला नाटो शिखर सम्मेलन 1949 में हुआ था। तब से कई शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। प्रत्येक शिखर सम्मेलन में वर्तमान वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
उल्लेखनीय विगत शिखर सम्मेलन
- नाटो शिखर सम्मेलन 2018: ब्रुसेल्स, बेल्जियम में आयोजित।
- नाटो शिखर सम्मेलन 2019: लंदन, यूनाइटेड किंगडम में आयोजित किया गया।
- नाटो शिखर सम्मेलन 2021: ब्रुसेल्स, बेल्जियम में आयोजित किया गया।
- नाटो शिखर सम्मेलन 2022: मैड्रिड, स्पेन में आयोजित किया जाएगा।
- नाटो शिखर सम्मेलन 2023: विनियस, लिथुआनिया में आयोजित।
भारत और नाटो के बीच संबंध
भारत नाटो का सदस्य नहीं है, लेकिन राष्ट्र हमेशा अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता को महत्व देता है, जो एक गुटनिरपेक्ष विदेश नीति का पालन करता है; यह रक्षा सहयोग, आतंकवाद निरोध और क्षेत्रीय सुरक्षा के साथ-साथ कई मामलों पर नाटो के साथ बातचीत में शामिल रहा है। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों पर साझा चिंताएं भारत और नाटो के बीच संबंधों को काफी हद तक प्रभावित करती हैं। फिर भी, भारत ने गुटनिरपेक्षता पर अपने ऐतिहासिक रुख और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे अन्य देशों के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी के कारण नाटो की सदस्यता का पालन नहीं किया है।
यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए नाटो शिखर सम्मेलन की मुख्य बातें!
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विषयवार प्रारंभिक पिछले वर्ष के प्रश्न |
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नाटो शिखर सम्मेलन यूपीएससी FAQs
वर्तमान नाटो प्रमुख कौन हैं?
महासचिव, मार्क रूटे वर्तमान नाटो प्रमुख हैं।
नाटो का मुख्यालय कहां है?
नाटो का मुख्यालय 1967 से ब्रुसेल्स, बेल्जियम में है।
क्या भारत नाटो का सदस्य है?
नहीं, भारत उत्तर अटलांटिक संधि संगठन का सदस्य नहीं है।
हाल ही में नाटो में कौन शामिल हुआ है?
स्वीडन नाटो का सबसे नया सदस्य है।
अगला नाटो शिखर सम्मेलन कब और कहाँ होगा?
अगला सम्मेलन जून 2025 में नीदरलैंड के हेग में होगा।